नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं हाजीपुर के रहिवासी

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। बीते लगभग डेढ़ वर्ष से वैशाली जिला (Vaishali district) मुख्यालय हाजीपुर शहर के व्यस्ततम मोहल्ला गांधी आश्रम औऱ स्टेशन का पूर्वी अनवरपुर मोहल्ला के रहिवासी नगर परिषद और स्थानीय जनप्रतिनिधि की उदासिनता से नारकीय जीवन जी रहे हैं। आयेदिन इस मार्ग से चलनेवाले राहगीर दुर्घटना के शिकार होकर अपना हांथ-पांव तुड़वा रहे हैं।

ध्यान देने योग्य विषय है कि, पिछले वर्ष बिहार की नीतीश सरकार की नल जल योजना की वजह से यहां के शिवाजी द्वार से गांधी आश्रम जाने वाली सड़क और दूसरी हाजीपुर नगर परिषद कार्यालय तक जाने वाली मुख्य सड़क को खोद कर नल जल का पाइप विछाया गया। इस क्रम में ठेकेदार द्वारा उक्त मार्ग को तोड़ा गया उसे आजतक मरम्मति नहीं किया गया है।

जिस वजह से पिछले वर्षात में सड़क पर पानी-कादो का जमाव लगातार रहा। जिस वजह से इस सड़क से होकर रिक्सा तक का चलन बन्द हो गया। सबसे दिक्कत छोटे छोटे स्कूल जाने वाले बच्चों को होती है।

इस वर्ष केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) की नमामि गंगे योजना के तहत सीवरेज का काम 6 माह से इस महल्ले में चल रहा है। लगता है वर्षात के पहले यह कार्य पूरी नही होगी और शहरवासियों को इस बार भी बैतरणी से होकर गुजरना होगा। ध्यान देने योग्य विषय है कि इस क्षेत्र में ऐतहासिक गांधी आश्रम, पार्क, पुस्तकालय और कई बच्चों का स्कूल भी हैं।

शिवजी द्वार से नगर परिषद कार्यालय तक जाने वाली मुख्य सड़क के पूरब में वार्ड नं 22 पड़ता हैं जबकि पश्चिम में वार्ड नं 20 और 21 है। वार्ड नं 22 के वार्ड कमिश्नर तो अपने हद में सालो भर सफ़ाई और जन कार्य मे लगे रहते हैं, लेकिन वार्ड नं 20 और 21 के वार्ड कमिश्नर अपने पद पर 40 वर्ष से जमे हैं। 20 और 21 के कमिश्नर इस रोड में 5 वर्ष पर सिर्फ विजय जुलूस लेकर आते हैं, आदि।

क्योंकि इस रोड के रहिवासियों का उन्हें वोट नही मिलता। ये जानते हैं कि उनके समुदाय के लोग अपना एक मुस्त वोट देंगे ही। तब जनता का काम करने की जरूरत क्या है। जिस वजह से सरकार से ज्यादा यहाँ की जनता दोषी है, जो जाति धर्म के नाम पर उन्हें अपना वोट देती रही है।

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