एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में फुसरो नगर परिषद क्षेत्र के ढोरी स्टाफ क्वार्टर में मां दुर्गा एवं महाकाली प्राण प्रतिष्ठा के अंतिम दिन बीते 22 फरवरी को मथुरा वृंदावन से आए शुविख्यात स्वामी रितेश्वर जी महाराज ने कहा कि सच्चे मित्र को दोस्त बनाये।
उन्होंने कहा कि जबतक सदगुरु जीवन में मौजूद है, तबतक आपका कल्याण संभव है। कहा कि बरसात जहां हो वहां यज्ञ सफल होता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में भौतिक विकास के साथ अध्यात्मक विकास हो। अभी हम किसी कारण से मुस्कुराते है पर श्रीकृष्ण सर्वथा मुस्कुराते है। बड़ी डिग्री लिए हुए लोग इस जिंदगी को ही लाइफ कहते है, पर ये सही नहीं है। जो धर्म के राह पर चलते है उसे लाइफ कहते है। धर्म ग्रंथ हमें जीने का राह दिखाती है।
महाराज जी ने कहा कि मैं स्वार्थी नहीं हूं, तभी आज हमारे जीवन में इतना दुख है। विश्व में 88 प्रतिशत, जिसमें 74 प्रतिशत भारत और 91 प्रतिशत अमेरिका में मानसिक बीमारी से ग्रसित है। कभी कोई जानवर डिप्रेशन में नहीं रहता। 88 हजार ऋषि भारत में धर्म के प्रचार में लगे हुए हैं। हर कदम और हर स्वांस लाभ के लिए होना चाहिए। आत्मा के मिलन (राधा कृष्ण) को रास कहा जाता है।
गुरु की कृपा से भगवान नहीं मिल पाते है। अहंकार ना करें, क्योंकि श्रीकृष्ण को भी मथुरा छोड़ना पड़ा था। कहा कि आत्मज्ञान के बिना इस दुनिया में किसी को सफलता नहीं मिलती है। अंग्रेजों ने जातिय संस्कृति में भारत को बांट दिया है। धर्म ज्ञान और आधात्म ज्ञान के बिना कोई भी आपके जीवन में खुशी नहीं ला सकता है।
कहा कि बच्चों का पहले दीक्षा होनी चाहिए, तब शिक्षा होनी चाहिए। सफलता का एक ही परिभाषा है हरी कथा के बाद जो आनंदित है वही सफल है। जिसे राम नाम की मस्ती हो गयी उसे हमेशा खुशी मिलती है। जब कोई गलती हो जाय तो श्रीराम और विश्वामित्र को याद कर ले। भगवान और गुरु की मानते हो पर उनकी कही बाते नहीं मानते।
विद्या वो है जो आपको समस्त जीवन से मुक्त कर दें। अपने बच्चों को संस्कार और विचार का धन दो, नहीं तो आप भी बाजारवाद में जिओगे। नारायण आपके साथ है तो लक्ष्मी भी आपके साथ रहेगी। आपकी प्रतिष्ठा आपकी संपत्ति से नहीं बल्कि आपके धर्म से है।
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