एस. पी. सक्सेना/बोकारो। राज्य सरकार को सीधे तौर पर राजस्व देनेवाला बोकारो जिला के हद में तेनुघाट स्थित निबंधन कार्यालय आज जर्जर हालत में है। इसकी मरम्मति एवं रख रखाव के अभाव में यह भवन कभी भी जमींदोज हो सकता है।
बताया जाता है कि वर्ष 1978 में बना उक्त भवन में बेरमो अनुमंडल के दो कार्यालय वित्त विभाग तथा निबंधन कार्यालय कार्यरत है, जहां प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में जरूरतमंद अपने कार्यों का निष्पादन कराने आते है। इसी परिसर में बेरमो अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी का कार्यालय था, जो कालांतर में नये बने भवन में शिफ्ट कर दिया गया। बावजूद इसके अब भी उपरोक्त दोनों कार्यालय अवस्थीत है।
ज्ञात हो कि तेनुघाट स्थित निबंधन कार्यालय में अनुमंडल क्षेत्र के भूमि का निबंधन (खरीद-बिक्री) किया जाता है। साथ हीं यहां विवाह से संबंधित निबंधन किया जाता है। इस संबंध में 11 फरवरी को तेनुघाट अवर निबंधन पदाधिकारी (सहायक रजिस्ट्रार) शिल्पी रानी से पुछे जाने पर उन्होंने बताया कि उक्त भवन की मरम्मति के लिए कई बार बोकारो जिला मुख्यालय से पत्राचार किया गया है, लेकिन अबतक इस ओर कार्य नहीं हो पाया है।
उन्होंने निबंधन कार्यालय में बिचौलिया संस्कृति पर अंकुश लगाने के बावत बताया कि उनके सज्ञान में ऐसा कुछ नहीं है। यदि ऐसा कोई मामला प्रकाश में आता है तो निश्चित हीं विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जायेगी। आश्चर्य यह कि प्रतिवर्ष करोड़ो का राजस्व देनेवाला उक्त कार्यालय के छत के निचे दर्जनों कर्मी जान हथेली पर रखकर कार्य कर रहे है। बावजूद इसके सरकार की नजर इस ओर नहीं है। ऐसे में यदि उक्त जर्जर भवन में कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेवार कौन होगा?
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