गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्ठम सह विशेष न्यायाधीश पोस्को वैशाली के न्यायालय ने करीब सात वर्ष पूर्व एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में बीते 31 मई को एक अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। न्यायालय द्वारा अभियुक्त पर 50 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया गया है। अर्थदंड की राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है।
घटना के सम्बन्ध में बताया जाता है कि वैशाली जिला के हद में महुआ थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने घर में खेल रही आठ वर्षीय बच्ची को कमरे में ले जाकर उसके साथ थाना क्षेत्र के शंकरपुर रहिवासी रंजीत पासवान ने दुष्कर्म किया था। बच्ची के बेहोश होने पर वह वहां से भाग निकला था।
कुछ देर बाद पीड़िता की चाची की नजर घर में खून से लथपथ तथा बेहोशी की हालत में पड़ी बच्ची पर पड़ी। उसके द्वारा शोर मचाने पर आस पड़ोस के रहिवासी जुट गये तथा बच्ची को इलाज के लिए पास के नर्सिंग होम में ले गये। वहां से उसे सदर अस्पताल हाजीपुर इलाज के लिए भेज दिया गया, जहां इलाज के बाद होश में आने पर पीड़िता घटना की जानकारी अपनी चाची को दी।
पीड़िता की चाची के बयान पर महुआ थाना में 22 अप्रैल 2017 को आरोपी रंजीत पासवान के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी। इस मामले में पुलिस ने 5 अप्रैल 2020 को न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया। न्यायालय द्वारा 19 मई 2020 को संज्ञान लिया गया। इस मामले में 19 अक्टूबर 2020 को आरोप गठित किया गया।
विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा द्वारा इस मामले में अभियोजन पक्ष के 8 तथा बचाव पक्ष के 4 साक्ष्यों एवं मामले में प्रस्तुत 6 प्रदर्श के कराये गये परीक्षण-प्रतिपरीक्षण के बाद आरोपी रंजीत पासवान को नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में बीते 28 मई को दोषी करार किया गया था। सजा के बिंदु पर बीते 31 मई को सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनायी है।
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