एस. पी. सक्सेना/बोकारो। सरकार द्वारा अधिवक्ता संशोधन विधेयक, 2025 को बिना शर्त के वापस लेने की घटना पर इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स ने देश भर के अधिवक्ताओं को ऐतिहासिक जीत की बधाई दी है।
देश भर के 27 लाख अधिवक्ताओं की एकता के आगे आख़िरकार केंद्र सरकार को झुकना पड़ा। जिसका नतीजा है कि अधिवक्ता संशोधन विधेयक-2025 को बिना शर्त वापस लेना पड़ा। इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के नेशनल कौंसिल मेंबर अधिवक्ता रणजीत गिरि ने 23 फरवरी को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पूरे देश भर के अधिवक्ता संगठनों खास कर इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स द्वारा किए गए संगठित आंदोलन और मजबूत विरोध के फलस्वरूप सरकार को अधिवक्ता संशोधन विधेयक वापस लेना पड़ा। यह अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और न्याय प्रणाली की निष्पक्षता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण जीत है।
गिरि ने कहा कि हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं और सरकार से अपेक्षा करते हैं कि भविष्य में ऐसे किसी भी कानून को लागू करने से पहले अधिवक्ता समूह से व्यापक परामर्श किया जाए। कहा कि यह आंदोलन अधिवक्ताओं की एकजुटता और उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हम इस संघर्ष में सहयोग देने वाले सभी अधिवक्ताओं, संगठनों और आम नागरिकों का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने न्याय हित में अपनी आवाज बुलंद की है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स आगे भी अधिवक्ताओं के अधिकारों और न्यायिक प्रणाली की मजबूती के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
इस अवसर पर बोकारो डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्ता अतुल कुमार, रंजन कुमार मिश्रा, संजय कुमार प्रसाद, दीपिका सिंह, अंकित ओझा, प्रेरणा पांडेय, अंजनी चौधरी, चंदन कुमार, राजश्री, सुमन वर्मा, संजीत कुमार सिंह, फटीक चंद्र सिंह, सुनील चांडक, मो. हसनैन आलम, वंशिका सहाय, रीना कुमारी, दीप्ति सिंह, विजय कुमार, ओम प्रकाश लाल, अखिलेश कुमार, विजयेता डेनियल, सुमन वर्मा, राणा प्रताप शर्मा, इंद्रनील चैटर्जी, रामावती कुमारी, महीतोष मंडल, अरूप चक्रवर्ती, पंकज बंसल, संदीप पूर्ति, रवि कुमार समेत सैकड़ो अधिवक्ताओं द्वारा जीत का जश्न मनाया गया।
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