एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला (Samastipur District) के हद में रोसड़ा में सफाईकर्मी रामसेवक राम की बीते वर्ष हाजत में मौत मामले ने नया मोड़ ले लिया है।
मामले में एससी/एसटी कमिटी ने वहां के एसडीपीओ, थाना प्रभारी और एसआई राजीव रंजन को जिम्मेवार ठहराया है। इसके बाद एडीजी ने तत्काल केस दर्ज कर कार्रवाई का निर्देश समस्तीपुर पुलिस अधीक्षक को दिया है। भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह ने इसे सरकार की नाकामी करार दिया है।
विदित हो कि पिछले साल सफाईकर्मी रामसेवक राम की हाजत में मौत हुई थी। इसके बाद भाकपा-माले व खेग्रामस ने सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष किया था।
माले द्वारा लगातार चलाए गए आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एससी/एसटी कमिटी की बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया था। केस दर्ज नहीं होने के कारण पीड़ित परिवार को कोई मुआवजा भी नहीं मिल सका था। उल्टे मृतक के परिजनों को ही निशाना बनाया जा रहा था।
भाकपा-माले ने उक्त जघन्य कांड के खिलाफ पूरे मिथिलांचल में एक महीने तक धारावाहिक प्रतिवाद आंदोलन चलाया था। आंदोलन के दबाव के कारण हीं पीड़ित पक्ष की गिरफ्तारी पर रोक लगी थी।
पुलिस द्वारा उल्टे स्थानीय पत्रकारों, रहिवासियों और परिजनों के ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया था। मामले में 9 महीने की बच्ची की मां को जेल भेज दिया गया था। मृतक सफाई मजदूर राम के बेटों और पत्नी व बहू को भी अभियुक्त बना दिया गया था।
हत्याकांड के खिलाफ पूरे जिले में अभियान चलाते हुए एक बड़ा प्रतिवाद सम्मेलन समस्तीपुर में आयोजित किया गया था। भाकपा-माले विधायक संदीप सौरभ पीड़ित परिवार से मिलने रोसड़ा गए थे। भाकपा-माले महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में एक बड़ा काफिला समस्तीपुर, दरभंगा और बेगूसराय से पहुंचा था।
माले महासचिव ने न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि बकाया मजदूरी मांगने पर पीट-पीट कर हत्या कर देना सामंती बर्बरता है। नीतीश सरकार को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए।
उन्होंने जर्जर घरों और गरीबी में रहने वाले दलित सफाई मजदूर परिवार को 20 लाख मुआवजा और जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग की थी। उस वक्त भाकपा-माले और खेग्रामस की ओर से 50 हजार की सहायता राशि दिवंगत रामसेवक की पत्नी को दिया गया था।
भाकपा-माले के मिथिला-कोसी जोन प्रभारी धीरेन्द्र झा ने कहा कि ऐसे बर्बर भ्रष्ट अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए। उन्होंने 20 लाख मुआवजा सहित प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जमीन और आवास और मृतक के परिजन को नौकरी देने की मांग दुहराई।
विदित हो कि रोसड़ा बाजार के दलित टोले में दो धुर जमीन में 10 लोगों का परिवार प्लास्टिक तानकर जीवन बसर कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में रोसड़ा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। यह लड़ाई हम आगे भी जारी रखेंगे।
भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह ने मामले में राज्य के नीतीश सरकार की नाकामी और अफसरशाही की कारस्तानी करार देते हुए उक्त दोषी अधिकारियों पर अविलंब एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है।
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