सारण के सोनपुर एवं वैशाली के हाजीपुर में रथ यात्रा का भव्य स्वागत
अवध किशोर शर्मा/सोनपुर (सारण)। पापियों के नाश को धर्म के प्रकाशकों रामजी की सेना चली एवं गोविन्द हरे गोपाल हरे जय केशव माधव श्याम हरे।
जय मुरली माधव श्याम हरे जय जय प्रभु दीनदयाल हरे भजन-संकीर्तन के साथ सारण जिला के हद में हरिहरक्षेत्र सोनपुर एवं हाजीपुर की धरती पर श्रीगजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम दिव्य देश से रथारूढ़ भगवान श्रीतिरुपति बालाजी वेंकटेश, श्रीदेवी एवं भू देवी की रथयात्रा पर हजारों रहिवासियों ने पुष्प वर्षा कर दर्शन लाभ प्राप्त किया।
इस अवसर पर यात्रा पथ में जगह-जगह महिलाओं ने भगवान की पूजा-अर्चना की। इस दौरान यात्रा को सुव्यवस्थित रखने के लिए सारण एवं वैशाली पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात थी। पुलिस यहां यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने में सफल रही।
जानकारी के अनुसार 24वें श्रीब्रह्मोत्सव सह श्रीलक्ष्मी नारायण यज्ञ के चौथे दिन 3 फरवरी को रथयात्रा का आयोजन किया गया था। नौलखा मंदिर से भगवान श्रीतिरुपति बालाजी वेंकटेश, श्रीदेवी एवं भूदेवी का विविध श्रृंगार कर रथ पर विराजमान कराया गया था
श्रीगजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम दिव्यदेश पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने आचार्यों के साथ षोडशोपचार द्वारा रथारूढ़ भगवान की पूजा-अर्चना की।
इस अवसर पर मंदिर प्रांगण से रथ यात्रा प्रारंभ किया गया। बैंड बाजा के साथ भगवान नगर भ्रमण को निकले। सर्वप्रथम रथ यात्रा बाबा हरिहरनाथ मंदिर पहुंचा। जहां मंदिर के पुजारियों ने उनकी विधिवत पूजा की।
यहां से मीना बाजार, छत्रपति मार्ग, चिड़िया बाजार चौक, घोड़ा बाजार, गाय बाजार, शहीद महेश्वर चौक होते हुए रथयात्रा जैसे ही पुराने गंडक पुल से वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर नगर में प्रवेश किया, एक और भजन “पापियों के नाश को, धर्म के प्रकाश को, आदि।
रामजी की सेना चली रामजी की सेना चली गायन पर झूमते भक्तों का विशाल काफिला जौहरी बाजार, त्रिमूर्ति चौक होते हुए अनवरपुर चौक पहुंचा।यहां से सिनेमा रोड, राजेन्द्र चौक होते हुए यह रथ यात्रा गुदड़ी बाजार पहुंचा।गुदड़ी रोड से हाजीपुर नगर थाना चौक होते हुए वापस गजेन्द्र मोक्ष मंदिर पर आकर विराम किया।
इस दौरान जगह-जगह भक्तों ने अपने घरों की छतों से रथ यात्रा पर पुष्प वर्षा की। रथ यात्रा का नेतृत्व स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी कर रहे थे। रथयात्रा का शुभारंभ करते हुए स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने कहा कि रथारूढ़ भगवान का जो दर्शन करता है या दर्शन करवाता है या रथ की डोरी खिंचता है उसका पुनर्जन्म नही होता।
उन्होंने कहा कि रथ यात्रा में सम्मिलित होने मात्र से भगवान की विशेष कृपा होती है। उन्होंने कहा कि भगवान वर्ष में एक दिन माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं। नगर में ऐसे लोग भी हैं जो किन्हीं कारणवश भगवान का दर्शन नही कर पाते।
ऐसे में लाचार रहिवासी, नास्तिक, रोगी और अपाहिज को दर्शन देने के लिए भगवान स्वयं उनके द्वार पहुंचते हैं। उनका भी उद्धार करते हैं।
इस मौके पर स्वामी लक्ष्मरणाचार्य जी ने जनता बैंक के प्रोपराइटर बालेश्वर दास एवं सुबोध दास को श्रीगजेन्द्र मोक्ष भगवान का मोमेंटों प्रदान कर सम्मानित किया।
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