रामगढ़ उपचुनाव परिणाम से मिलेंगे लोकसभा और विधानसभा चुनाव के संकेत

एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। झारखंड के रामगढ़ में उपचुनाव 27 फरवरी को है। चुनाव परिणाम 2 मार्च को घोषित होना है। इस उपचुनाव में यूपीए और एनडीए प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है।

एक तरफ जहां इस उप चुनाव में यूपीए एकजुट है। दूसरी ओर भाजपा और आजसू की एकजुटता से एनडीए मजबूत हुई है। गत विधानसभा चुनाव 2019 मे आजसू का भाजपा से तालमेल नहीं हो सका था। जिसका खामियाजा आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी को झेलनी पड़ी थी। आजसू के अथक प्रयास के बावजूद सुनीता चौधरी हार गई थी।

इसबार एनडीए और यूपीए ने रामगढ़ उपचुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। कहने को त, उपचुनाव एक विधानसभा के लिए है। इसके परिणाम का असर 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा।

रामगढ़ उपचुनाव परिणाम यदि यूपीए के पक्ष में आया तो निश्चित रूप से वर्ष 2024 के आम चुनाव में झारखंड में यूपीए को वर्ष 2019 के मुकाबले में कुछ और लोकसभा सीटों पर तथा कुछ और विधानसभा सीटो पर जीत मिल सकती है।

रामगढ़ उपचुनाव हारना न सिर्फ काग्रेस बल्कि यूपीए के अन्य दलो झामुमो और राजद के लिए काफी दु:खद होगा। रामगढ़ उपचुनाव मे एनडीए के जीत से एक सीधा संदेश मिलेगा कि झारखंड की जनता बदलाव चाहती है।

वर्ष 2024 के चुनाव मे यूपीए को लोकसभा और विधान सभा के कुछ सीटो को बचा पाना मुश्किल हो सकता है। झारखंड विधान सभा मे एनडीए को बहुमत भी प्राप्त हो सकता है। इसलिए रामगढ़ उपचुनाव को यूपीए और एनडीए काफी गंभीरतापूर्वक लिया हे। हर स्तर पर मतदाताओ को अपने-अपने पक्ष में करने का प्रयास किया जा रहा है।

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