विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। ओएनजीसी प्लांट के गेट के समीप अपनी नियोजन की मांग को लेकर रैयत प्लांट गेट जाम में डटे रहे। प्रबंधन एवं प्रशासन के आश्वासन के बाद रैयतों ने गेट जाम आंदोलन स्थगित किया।
जानकारी के अनुसार गोमियां प्रखंड के हद में खुदगड्डा स्थित ओएनजीसी प्लांट के गेट को रैयतों ने नियोजन की मांग को लेकर 4 मार्च को जाम कर दिया। करीब 6 घंटे बाद प्रबंधन और प्रशासन के आश्वासन के बाद गेट जाम स्थगित कर दिया गया। किन्तु धरना जारी है।
जानकारी के अनुसार बीते 19 फरवरी से क्षेत्र के दर्जनों रैयत नियोजन की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। इस क्रम में बीते 25 फरवरी को प्रबंधन का पुतला दहन किया गया। आंदोलन के अगले चरण में 26 फरवरी से 3 मार्च तक रैयतों ने भूख हड़ताल किया। इसके बाद भी प्रबंधन ने कोई पहल नहीं की। विवश होकर रैयतों ने पूर्व सूचना के अनुसार 4 मार्च को प्लांट गेट जाम कर दिया। गेट जाम होते ही प्रबंधन हरकत में आयी और स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ रैयतों से वार्ता किया।
इस संबंध में आंदोलन कर रहे रैयतों ने बताया कि वर्ष 2017 में ओएनजीसी ने जमीन अधिग्रहण कर एग्रीमेंट किया था। उस समय ओएनजीसी प्रबंधन ने आश्वासन दिया था कि यहां जो भी काम होगा उसमें रैयतों को प्राथमिकता के आधार पर नियोजन दिया जाएगा। प्लांट बनने के बाद प्रबंधन अपनी बातो से मुकर गई है।
तब विवश होकर हमें आंदोलन करना पड़ रहा है। आंदोलनकारियों ने बताया कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत जब 4 मार्च को गेट जाम कर दिया गया, तब प्रबंधन और प्रशासन हरकत में आई और आंदोलन कर रहे रैयतों से बात की।
रैयतों ने बताया कि ओएनजीसी के आईएम प्रदीप कुमार भगत और सुरक्षा प्रभारी दीपक कुमार ने प्रशासन की ओर से नियुक्त दंडाधिकारी उपेंद्र कुमार, गोमियां थाना के प्रशिक्षु डीएसपी अमरेंद्र कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक मनोज कुमार और कथारा ओपी प्रभारी जितेश कुमार के समक्ष एक सप्ताह के अंदर नियोजन देने से संबंधित आश्वासन दिया है।
इसके बाद रैयतों ने गेट जाम आंदोलन स्थगित कर दिया। आंदोलनकारियों के अनुसार यदि प्रबंधन अपनी बातों से मुकरती है तो पुनः निर्णय के अनुसार आंदोलन किया जाएगा।
धरना में रमेश प्रजापति, अशोक नाथ, इंसान अंसारी, विक्रम, विशाल, सूरज, सुजीत, प्रशांत, राजेश, बंसीलाल, चंदन, मुन्ना, शंकर, राजू, धनंजय सहित कई अन्य शामिल थे।
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