रिमझिम फूहड़ों में कवयित्री सम्मेलन की इंद्रधनुषी शाम

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। दिलकश कविताओं से महकती इंद्रधनुषी शाम ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। माहौल बारिश का था रिमझिम फुहडें भी पड़ रहीं थीं, वहीं संगीत गूंज रहा था और मंच पर हृदयस्पर्शी अनुभूतियों का गुलदस्ता सजा हुआ था।

भावनाओं की शाख़ पर खिले हुए शब्दों की आत्मीय प्रस्तुति हो रही थी। यह तय करना मुश्किल था कि कौन अच्छा है और कौन उससे भी अच्छा है। कुल मिलाकर सभी कवत्रियों ने न केवल कमाल किया बल्कि अपनी छाप छोड़ गईं।

चित्रनगरी संवाद मंच मिंबइ की ओर से हिंदी पखवाड़े के दौरान रविवार को ” निर्झर कवयित्री “सम्मेलन का आयोजन केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट, गोरेगांव पश्चिम में किया गया था। इसमें सुमीता केशव, डॉ दमयंती शर्मा ‘दीपा’, मोना अल्वी, स्मिता पारीक, डॉ मेघा भारती, डॉ रश्मि चौकसे, पूनम विश्वकर्मा, वर्षा महेश, पूनम खत्री, सविता दत्त और ऋतिका मौर्य ने कविता पाठ किया।

अंत में मशहूर हास्य व्यंग कवि सुभाष काबरा ने पूरे आयोजन पर अपनी दिलचस्प समीक्षात्मक टिप्पणी पेश करके ठहाके लगवाए। उन्होंने अपने अंदाज़ में एक-एक कवयित्री की रचना की टिप्पणी की।

कवयित्री सम्मेलन का आयोजन देश के नामचीन शायर देवमणि पांडेय और नवीन जोशी नवा के मार्गदर्शन में युवा कवि राजेश ऋतुपर्ण ने किया। इस बेहतरीन आयोजन में गायक आकाश ठाकुर और शायर अश्विनी मित्तल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रतिष्ठित कवि उदयभानु सिंह समेत मुंबई साहित्य जगत के चुनिंदा लोगों की उपस्थिति ने इस कवयित्री सम्मेलन के प्रबंधन में चार चांद लगा दिया।

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