रेलमंत्री ने लोकोमोटिव वर्कशॉप में रखी वैगन पीओएच क्षमता वृद्धि की आधारशिला

मुख्यमंत्री व रेलमंत्री के बीच हुई बिहार में रेलवे से जुड़ी परियोजनाओं पर चर्चा

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बिहार के दौरे पर 23 मई को राजधानी पटना पहुंचे। रेलमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर बिहार में रेलवे से जुड़ी परियोजनाओं पर चर्चा की।

जानकारी के अनुसार इस दौरान रेल मंत्री वैष्णव ने पटना से जमालपुर के बीच विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर केंद्रीय पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और बिहार के उप मुख्यमंत्री क्रमशः सम्राट चौधरी तथा विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।

बताया जाता है कि जमालपुर पहुंचने के उपरांत केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जमालपुर स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने 30 करोड़ रुपये की लागत से स्टेशन पर चल रहे पुनर्विकास कार्यों का जयाजा लिया एवं अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

जमालपुर वर्कशॉप पहुंचने पर, केंद्रीय रेल मंत्री वैष्णव ने अन्य मंत्रियों और गणमान्य के साथ वैगन निर्माण शॉप और क्रेन शॉप आदि का निरीक्षण किया तथा जमालपुर वर्कशॉप के उन्नयन के लिए 78.96 करोड़ रुपये के रूप में एक और सौगात देते हुए जमालपुर वर्कशॉप में वैगन पीओएच क्षमता वृद्धि परियोजना की आधारशिला रखी। वैगन निर्माण वर्कशॉप में रेलमंत्री ने जमालपुर वर्कशॉप में निर्मित बॉक्सएन वैगन, बीएलसीएस वैगन तथा शौचालय युक्त ब्रेक वैन के निर्माण का निरीक्षण किया।

क्रेन वर्कशॉप में केंद्रीय मंत्री ने नवनिर्मित 140 टन क्रेन, 8-व्हीलर टावर कार तथा जमालपुर जैक का निरीक्षण किया, जो इस वर्कशॉप के विशेष उत्पादों में शामिल हैं। वर्कशॉप में केंद्रीय रेल मंत्री का जमालपुर लोकोमोटिव वर्कशॉप के कर्मचारियों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

केंद्रीय रेल मंत्री ने किया ‘सेंटर आफ एक्सीलेंस पुस्तिका का विमोचन

इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री ने इंडियन रेलवे इंस्टीच्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग जमालपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने वेल्डिंग, न्यूमेटिक्स, हाइड्रोलिक्स तथा मेक्ट्रोनिक्स जैसी इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं पर विस्तृत विकास योजना वाली सेंटर ऑफ एक्सीलेंस नामक पुस्तिका का विमोचन किया।

इस पुस्तक में इंडियन रेलवे इंस्टीच्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग जमालपुर में इंजीनियरों के लिए इस प्रतिष्ठित प्रशिक्षण केंद्र में बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षण सुविधा के उन्नयन एवं विकास के लिए वेल्डिंग, न्यूमेटिक्स, हाइड्रोलिक्स तथा मेक्ट्रोनिक्स विषयों पर कार्य योजनाएं शामिल हैं। 350 करोड़ रुपये की लागत से जमालपुर स्टेशन, इरमी और वर्कशाप का उन्नयन एवं विकास किया जाना है।

आज के परिदृश्य में आवश्यकता के अनुरूप एवं भविष्य को ध्यान में रखते हुए वैगन, क्रेन और जमालपुर जैक आदि के निर्माण के लक्ष्यों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके लिए वर्कशाप के आधारभूत संरचना के विकास का भी लक्ष्य रखा गया है।

जमालपुर लोकोमोटिव वर्कशॉप में वैगन पीओएच वृद्धि के लिए 545 से 800 वैगन प्रति माह की परियोजना की आधारशिला रखने के साथ ही वैगन ओवरहालिंग क्षमता 255 यूनिट प्रति माह से अधिक हो जाएगी। इस क्षमता वृद्धि परियोजना को लगभग 79 करोड़ रुपये की लागत से क्रियान्वित किया जाएगा। इससे टर्न अराउंड टाइम में सुधार होगा, वैगन की उपलब्धता बढ़ेगी और परिचालन में सुधार होगा।

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जन संपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2026 से इंडियन रेलवे इंस्टीच्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग जमालपुर में रेलवे अधिकारियों के अलावा बाहरी जरूरतमंदो को भी स्कील डेवलपमेंट की ट्रेनिंग की शुरूआत की जाएगी, जिसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रीकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विषयों पर ट्रेनिंग दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि यह इंस्टीच्यूट भारत वर्ष का एक उत्कृष्ट शैक्षणिक केन्द्र होगा जो मील का पत्थर साबित होगा। बताया कि वर्ष 2009 से 2014 के मध्य बिहार में रेलवे के विकास के लिए प्रतिवर्ष औसतन 1,132 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बढ़ाकर इस वर्ष 10 हजार 66 करोड़ रूपये कर दिया गया है, जो पिछली सरकार की तुलना में 9 गुना ज्यादा है।

मुख्य पीआरआई ने बताया कि बिहार में जहां 2009-14 के मध्य औसतन प्रतिवर्ष 64 किमी नई लाइन का निर्माण होता था, वहीं 2014 से 2024 के मध्य औसतन प्रतिवर्ष 167 किलोमीटर नई लाइन का निर्माण हुआ है, जो लगभग 2.5 गुणा ज्यादा है। इसी तरह बिहार में जहां 2009-14 के मध्य औसतन प्रतिवर्ष 30 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण होता था, वहीं 2014 से 2024 के मध्य औसतन प्रतिवर्ष 275 कि.मी. रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण हुआ है जो लगभग 9 गुणा ज्यादा है।

बताया कि बिहार में वर्ष 2014 से 1832 कि.मी. नई लाईन का निर्माण किया जा चुका है जो लगभग मलेशिया के कुल रेल नेटवर्क के बराबर है। इसके साथ ही बिहार में 2014 से 3020 कि.मी. रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया जा चुका है तथा बिहार में रेलवे का शत प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है। इन सभी प्रयासों से बिहार के सामाजिक-आर्थिक स्थिति समृद्ध होगी।

मौके पर केंद्रीय पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने सूक्ष्म स्तर पर सोच और समग्र दृष्टिकोण के लिए विकास को उस स्तर तक लाने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री की प्रशंसा की। इस अवसर पर बिहार के दोनों उप मुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने बिहार के विकास में रेलवे के योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विधायक प्रणव कुमार, अजय कुमार सिंह, राजीव कुमार सिन्हा एवं लाल मोहन गुप्ता, पूर्व मध्य रेल हाजीपुर के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह, पूर्व रेलवे महाप्रबंधक मिलिन्द देउस्कर तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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