घाटकोपर में निकली विट्ठल -रखुमाई की पालखी
मुश्ताक खान/मुंबई। घाटकोपर पूर्व स्थित पुणे विद्यार्थी गृहास कॉलेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के छात्रों ने आषाढ़ी एकादशी के मौके पर शांति और सद्भावना का संदेश दिया।
आषाढ़ी एकादशी के पवन पर्व पर छात्र, छात्राओं के साथ प्रोफेसर और प्राचार्य भी विट्ठल- रखुमाई की पालखी में शामिल हुए। पीवीजीएस कॉलेज के संचालक राजेंद्र विट्ठल बोराडे, प्राचार्य डॉ. अजय पाठक और मराठी वांग्मय मंडल की प्रमुख सीमा गारगोटे के आलावा विद्या भवन के अन्य सदस्य मौजूद थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आषढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी पर सभी विष्णु तथा रुक्मणि -विट्ठल मंदिरों में भक्तों की भरी भीड़ जुटी है। इसी के तर्ज पर पीवीजी कॉलेज (PVG College) में मराठी वांग्मय मंडल द्वारा आयोजित आषाढ़ी एकादशी के पवन अवसर पर भव्य पालखी निकली गई।
इस पालखी में जात-पात, पंथ और धर्म को भूलकर प्रेम और भाई चारे का संदेश छात्रों ने दिया। इतना ही नहीं पीवीजी कॉलेज में मराठी वांग्मय मंडल के छात्रों ने भेद भाव भूलाकर भगवान विट्ठल के भक्ति में लीन, सारे जगकी माता रखुमाई को याद कर, हरीनाम का जाप लगते हुए श्रद्धालुओं का कारवां क्षेत्र का दौरा किया। छात्र, छात्राओं के साथ प्रोफेसर और प्राचार्य (Professor and Principal) के उद्घोष से घाटकोपर पूर्व का माहौल भक्तिमय हो गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार पाठक और मंडल की प्रमुख सीमा गारगोटे ने बताया की विगत दो वर्षों से कोरोनाकाल ने सभी के पग बांध दिए थे। जिसके कारण मराठी परंपरा, साहित्य, संस्कृती आदि थम सी गई थी।
लेकिन अब फिर से विठ्ठल नाम की पालखी, भारुड़, अभंग, संत गोरा कुंभार की कहानियों से परिपूर्ण यह आयोजन विठूराया के आशिर्वाद से संपन्न हुआ। इस पालखी में कॉलेज के संचालक राजेंद्र विट्ठल बोराडे, प्राचार्य डॉ. अजय पाठक के आलावा शिक्षिका स्मिता जुन्नारकर व छात्रों में साईराज ह्यूमाने, ओमकार कोंडविलकर, दीपेश सिंह, प्रितेश सातपुते, संजना प्रधान, सानिका, अक्षय माने और गौरव दुबे आदि मौजूद थे।
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