हेमंत सरकार बंद माइंस को चालू करें-मधु कोड़ा
सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि, झारखंड में वनों पर निर्भर रहिवासियों को उनका अधिकार देने के लिए अक्टूबर 2023 से मिशन मोड में अबुआ वीर दिशोम वनाधिकार अभियान के तहत कैंप लगा कर पात्र को वन पट्टा दिया जायेगा। हेमंत सरकार ने गरीब, आदिवासी, दलित और जंगलों में रहने वाले को छलने का काम किया है। आज तक वन क्षेत्र के रहिवासियों को वनपट्टा नहीं मिला।
वर्ष 2012-14 से दर्जनों की संख्या में लोह अयस्क माइंस राज्य सरकार की उदासीनता और गैर जिम्मेदाराना नीति के कारण बंद पड़े हैं। क्षेत्र के स्थानीय आदिवासी -मूलवासी रोजगार के अभाव में पलायन करने को मजबूर हैं। केवल चुनाव के समय आदिवासियों का हितैषी बनने का ढोंग करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुखिया हेमंत सोरेन जनता से किया वादा क्यों नहीं पूरा कर रहे हैं?
बन्द खदानों को पुनः चालू करने एवं वन पट्टा की मांग को लेकर घन्टा बजाओ सरकार जगाओं कार्यक्रम के तहत् 22 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने उक्त सवाल झारखंड सरकार के संदर्भ में कहीं। वहीं दूसरी ओर भाजपा के बैनर तले पार्टी के कार्यकर्ता पदाधिकारी एवं समर्थकों संग पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में छोटानागरा में जनसंपर्क एवं पदयात्रा कर रहिवासियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया।
छोटानागरा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से जोजोगुटू मुंडा, कानू राम देवगम, लादूरा मंकी, मानसिंह चम्पीया, मंगल कुम्हार, सुसन गोप, प्रकाश गोप, पंकज कुमार दास, राजेश सांडिल, मंगल मुंडरी, वीरेंद्र साहू आदि सैकड़ो की संख्या में रहिवासी मौजूद रहे।
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