धीरज शर्मा/विष्णुगढ़ (हजारीबाग)। विष्णुगढ़ प्रखंड के हद में भेलवारा पंचायत भवन में बीते 22 अक्टूबर को एकता परिषद हजारीबाग द्वारा समाज सेवी संस्था प्रयोग के सहयोग से वन अधिकार अधिनियम 2006 को लेकर सामुदाय एवं जनप्रतिनिधियों के बीच जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुखिया लक्ष्मी कुमारी एवं संचालन एकता परिषद के जिला संयोजक चुनुलाल सोरेन ने किया।
जन संवाद कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि व पूर्व जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश सिंह पटेल, मो. शेख तैयब, उप प्रमुख सरयु साव, पंचायत समिति सदस्य भेलवारा अजय मंडल, खरना मुखिया पुत्र राजेश प्रसाद, भेलवारा मुखिया लक्ष्मी कुमारी, ग्राम रोजगार सेवक संझलु हसदा, भाजयुमो युवा नेता महेंद्र कुमार, गंगाधर कुमार महतो आदि उपस्थित थे, आदि।
सर्व प्रथम उपस्थित अतिथियों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रथम स्वतन्त्रता सेनानी, संथाल हूल के महानायकों, वीर सिद्धो- कनहु मुर्मु के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई।
इस अवसर पर जिला संयोजक चुनूलाल सोरेन संवाद को आगे बढ़ाते हुए वन अधिकार के तहत विष्णुगढ़ एवं टाटीझरिया प्रखंड के 13 गांवों का सामुदायिक एवं व्यक्तिगत लंबित दावों से संबधित बातों को जनप्रतिनिधियों के बीच रखा। उन्होंने कहा कि ये दावे पिछले छ: सालों से लंबित है।
वनाधिकार कानून बने आज 15 साल होने को है, लेकिन आज तक अधिकार पत्र नही मिलना प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है। उन्होंने जनसंवाद में उपस्थित साथियों के बीच सहमति बनाया कि अगर 2 महीने में जिला प्रशासन ने कोई साकारात्मक कदम नही उठाएं तो 30 जनवरी गांधी जी के सहादत दिवस से जिला मुख्यलय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का यहाँ से संकल्प लेकर जाएँ।
राज्य संरक्षक राम स्वरूप ने कहा कि वन विभाग के बिचौलियों द्वारा वन अधिकार को लेकर गलत प्रचार किया जा रहा है, जबकि कानून में साफ लिखा हुआ है कि 13 दिसम्बर 2005 के पहले तक जो वन में या वानोंउत्पाद पर निर्भर है उन्हें इस कानून के तहत ग्राम सभा को अधिकार मिलेगें। जि
परिषद सदस्य शेख तैयब एवं पूर्व जिला परिषद सदस्य जय प्रकाश भाई ने कहा कि वन अधिकार मुद्दों पर बगोदर विधायक कॉमरेड बिनोद सिंह को अवगत कराते हुए सरकार और प्रशासन (Administration) पर दबाव बनाने का आग्रह करेगे।
मौके पर राज्य संयोजक सरयु प्रसाद, मनोज बेसरा, सोहन हेंब्रम, दिलीप टुडू, जीतलाल मरांडी, सिमोती देवी, बसंती देवी, रीता देवी, मोतीराम मरांडी, लखन मरांडी के आलावे दोनों प्रखंडों के सैकड़ो महिला पुरुष शामिल थे।
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