किसानों के फसलों पर एमएसपी की मांग
एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। महंगे खाद, बीज, पेस्टीसाइड, सिंचाई, मजदूरी देकर उपजाये गये टमाटर की कीमत नहीं मिलने से नाराज़ किसानों ने 24 अप्रैल को समस्तीपुर जिला के हद में मोतीपुर सब्जी मंडी के पास नेशनल हाईवे किनारे टमाटर फेंक कर विरोध जताया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में ताजपुर प्रखंड क्षेत्र के किसान अपने-अपने मोटरसाइकिल, ठेला, टेम्पू से भारी मात्रा में टमाटर लेकर मोतीपुर सब्जी मंडी के पास ईकट्ठा होकर किसान नेता ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में एक सभा का आयोजन किया। सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव ललन कुमार ने कहा कि किसान कॉरपोरेट कंपनी से महंगे बीज, खाद-खल्ली, पेस्टीसाइड खरीदकर टमाटर की खेती करते हैं।
महंगा सिंचाई, तोड़ाई, ढ़ुलाई देकर मंडी तक टमाटर को पहुंचाते हैं, लेकिन यहां न कीमत है और न ही बिक पाता है। एक-दो दिन इंतजार के बाद टमाटर फेंकना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि मोतीपुर मंडी क्षेत्र उच्च क्वालिटी के टमाटर का हब माना जाता है, लेकिन इस क्षेत्र में न टमाटर रखने वाला कोल्ड स्टोरेज है और न ही टमाटर, बंधागोभी, फूलगोभी, बैंगन आधारित कैचप, साॅस, चटनी, अचार, चिप्स, भुजिया उद्योग ही है। बार-बार मांग करने के बाबजूद सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं है।
भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि टमाटर, बंधागोभी की समुचित कीमत नहीं मिलने एवं करीब दो महीने पहले भी फूलगोभी, बंधागोभी, बैंगन आदि की कीमत नहीं मिलने पर किसानों ने इसे फेंककर या फिर फसल लगी खेत जोतवाकर विरोध दर्ज किया था। बावजूद इस सरकार असंवेदनशील बनी रही। उन्होंने कहा कि टमाटर किसान की बर्बादी के बारे में पत्र लिखकर अधिकारियों को अवगत कराने के बाबजूद कोई अधिकारी किसानों के खेतों का मुआयना कर किसानों से वार्ता तक नहीं किया जो असंवेदनशीलता को दर्शाता है। फलत: किसानों को मजबूरी में टमाटर फेंकों आंदोलन करना पर रहा है।
एक एकड़ से अधिक टमाटर एवं बंधागोभी की खेती करने वाले मोतीपुर के किसान ललन दास ने कहा कि टमाटर 2 रुपये किलो भी नहीं बिक पा रहा है। महाजनी एवं केसीसी कर्ज लेकर खेती किए थे। अब कर्ज कैसे चुका पाएंगे। मोतीपुर दक्षिण बाड़ी टोला के किसान अनील सिंह एवं रंजीत सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अगली फसल लगाने की चिंता खाये जा रही है। हम किसानों को फसल क्षति मुआवजा, नि: शुल्क खाद, बीज, बिजली, पानी, कृषि यंत्र आदि मिले, ताकि अगली फसल लगा सके।
सभा के अंत में प्रखंड से जुटे किसानों ने अपने-अपने ट्रे, बोरा में लाये 25 क्विंटल से अधिक टमाटर नेशनल हाईवे किनारे फेंककर सरकार की किसानों की अनदेखी एवं असंवेदनशीलता के खिलाफ आक्रोश का इजहार किया। आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे किसान, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के सरकार विरोधी नारे से मंडी क्षेत्र गुंजता रहा।
मौके पर किसान राजदेव प्रसाद सिंह, बखेरी सिंह, कैलाश सिंह, रामनाथ कुमार, संजीव राय, रवींद्र सिंह, लखीन्द्र सिंह, शंकर सिंह, मोतीलाल सिंह, दिनेश प्रसाद सिंह, रत्नेश राय, गोपाल साह, श्याम बाबू सिंह, परमेश्वर सिंह, पैक्स अध्यक्ष आसिफ होदा, हरिदेव सिंह समेत सैकड़ों सब्जी उत्पादक किसान उपस्थित थे।
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