एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। आगामी नौ जुलाई को होने वाले देशव्यापी मजदूर हड़ताल को लेकर विभिन्न ट्रेड यूनियन द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। इसी क्रम में 20 मई को बोकारो जिला के हद में सीसीएल के ढ़ोरी, बीएंडके और कथारा महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के नेताओ ने प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर यूनियन नेता महारूद्र सिंह, विकास सिंह, भीम महतो और जयनाथ मेहता ने हड़ताल देश की मौजूदा सरकार की गलत कॉर्पोरेट नीतियों के खिलाफ और श्रमिकों की 17 सूत्री मांगों और हड़ताल को लेकर चर्चा की। सबसे पहले संयुक्त ट्रेड यूनियन नेताओं ने 20 मई की देशव्यापी आम हड़ताल को फिलहाल टाले जाने की जानकारी दी।
कहा कि देश में हड़ताल की घोषणा और लाखों नोटिस के बावजूद केंद्र समेत कई राज्य सरकारों के संरक्षण में नियोक्ता वर्ग मजदूरों पर हमले जारी रखे हुए हैं। काम के घंटों में मनमानी वृद्धि, न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा के अधिकारों का उल्लंघन के साथ-साथ ठेका मजदूरों की गैर कानूनी छंटनी आम हो गयी है।
यूनियन नेताओं ने कहा कि ट्रेड यूनियनों की लगातार मांग के बावजूद सरकार ने अब तक न तो किसी प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की है, न ही भारतीय श्रम सम्मेलन बुलाया है। यह सब श्रम संहिताओं को चुपचाप लागू करने की साजिश का हिस्सा है।
प्रदर्शन में जामसं के विकास सिंह, ओमशंकर सिंह, धीरज पांडेय, आरकेएमयू के महारूद्र सिंह, चंदन चौहान, रविन्द्र सहनी, अभिषेक शर्मा, अभिजीत बाउरी, सुरेश महतो, शंकर प्रसाद, रवि कुमार सहनी, राजेंद्र प्रसाद, रविन्द्र दिगार, सरयू तुरी, परदेशी मुंडा, पवन मिश्रा, शरद कुमार, सीएमयू के राजू भुखिया, संतोष कुमार, जेसीएमयू के घुनू हांसदा, जयनाथ मेहता, बी डी कुशवाहा, यूकोवयू के जवाहरलाल यादव, भीम महतो, एनसीओईए के गोवर्धन रविदास, करमचन्द बाउरी, मनोज पासवान, चन्द्रशेखर महतो, मनसुख कालिंदी, सुरज, प्रदीप महतो, मनोज शर्मा, कैलाश महतो, नकुल रविदास आदि शामिल थे।
एक अन्य जानकारी के अनुसार देशव्यापी मजदूर हड़ताल को लेकर उपरोक्त महाप्रबंधक कार्यालयों के समक्ष संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के नेताओ ने प्रदर्शन किया। यहां इंटक के श्यामल कुमार सरकार, एटक के गणेश प्रसाद महतो, सीटू के विजय भोई, सीएमयू के आलोक रंजन, जमसं के ओमप्रकाश सिंह उर्फ टीनू सिंह, झाकोमयू के जयनारायण महतो ने कहा कि देशभर में प्रस्तावित 20 मई की अखिल भारतीय मजदूर आम हड़ताल को मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए स्थगित कर 9 जुलाई को आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
यह निर्णय केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र फेडरेशनों के संयुक्त मंच की ओर से लिया गया है। कहा गया कि देश के मजदूरों पर हमले बदस्तूर जारी है। काम के घंटे जबरन बढ़ाए जा रहे हैं, न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा का उल्लंघन हो रहा है और श्रमिकों को अवैध रूप से नौकरी से निकाला जा रहा है। यह सब केंद्र सरकार की मजदूर -विरोधी नीतियों और चार श्रम संहिता को लागू करने की साजिश का हिस्सा है। इसलिए हड़ताल जरूरी है।
यूनियन नेताओं ने कहा कि ट्रेड यूनियनों की लगातार मांग के बावजूद सरकार ने अब तक न तो किसी प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की है, न ही भारतीय श्रम सम्मेलन बुलाया है। यह सब श्रम संहिताओं को चुपचाप लागू करने की साजिश का हिस्सा है। मौके पर इंटक के सुबोध सिंह पवार, रोशन सिंह, प्रताप सिंह, अशोक अग्रवाल, अरुंजय सिंह, पुनीत महतो, जमसं के राहुल कुमार, संतोष कुमार, शंकर नायक, सीएमयू के आभाष चंद्र गांगुली, आलोक रंजन, मुरारी राम, जेसीएमयू के पंकज महतो, किशोर कुमार, बिंदेश्वर रविदास, यूकोवयू के गणेश प्रसाद महतो, एनसीओईए के विजय भोई, मनोज पासवान आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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