कसमार में मार्केट कंपलेक्स निर्माण का हो रहा विरोध

प्रखंड क्षेत्र से मजदूर कर रहे है पलायन

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड में बन रहे मार्केट कंपलेक्स का विरोध शुरू हो गया है। कसमार और गर्री पंचायत के रहिवासियों ने झारखंड सरकार के जल स्वच्छता विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो को पत्र लिखकर कसमार के प्लस टू उच्च विद्यालय परिसर में ही मार्केट कंपलेक्स बनाने की मांग किया गया।

ग्रामीणों के अनुसार प्रखंड के हद में गर्री पंचायत के तेलमूंगा में मार्केट कंपलेक्स का भूमि पूजन किया गया। इसकी खबर पाते ही ग्रामीणों ने तेल मूंगा में मार्केट कंपलेक्स नहीं बने, इसके लिए विरोध करना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों के अनुसार जिस जगह मार्केट कंपलेक्स का भूमि पूजन किया गया है, उस जगह बनने से रहिवासियों का कोई खास लाभ नहीं मिल पायेगा।

ग्रामीणों ने पत्र के माध्यम से मंत्री से आग्रह किया कि यह मार्केट कंपलेक्स पल्स टू उच्च विद्यालय कसमार के किनारे में बनाया जाना चाहिए, ताकि विद्यालय भी सुरक्षित रहेगा और उस जगह का रौनक भी बढ़ेगा। पूर्व पंचायत समिति सदस्य संतोष कुमार महतो, राजेश कपरदार, जुम्मन अंसारी, मुमताज अंसारी, अजीत दत्त, इरफान अंसारी, रिजवान अंसारी, इमरान हुसैन, राजकुमार ठाकुर, अब्दुल अंसारी, दिल मोहम्मद अंसारी, धीरेंद्र नाथ महतो, भागीरथ महतो, रामदास महतो, कमलेश कुमार जायसवाल, सुनील कुमार महतो, अजय कुमार ठाकुर के अलावे सैकड़ों ग्रामीणों ने मंत्री से कसमार प्लस टू उच्च विद्यालय में मार्केट कंपलेक्स बनाने की मांग की है।

साथ ही पत्र बोकारो डीसी, पूर्व विधायक डॉ लंबोदर महतो, कसमार सीओ को भी प्रेषित किया गया, ताकि यहां के बेरोजगारों को सही रूप से रोजगार मिल सके।
एक अन्य जानकारी के अनुसार बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड के विभिन्न ग्रामीण हलकों से मजदूर पलायन कर रहे है। अगर इसपर रोक नहीं लगा तो मजदूर विहीन प्रखंड होने से कोई रोक नहीं सकता है।

रहिवासियों के अनुसार मजदूरों का पलायन होने का मुख्य कारण मनरेगा में चार माह से मजदूरी का भुगतान नहीं होना बताया जा रहा है। मनरेगा मजदूर इसी पर आश्रित है, लेकिन चार माह से मनरेगा मजदूरी का भुगतान नहीं होने से पलायन का मूड बना मजदूर अपने भुगतान को लेकर प्रखंड का चक्कर काट कर थक रहे है। पलायन करनेवाले कई मजदूरों ने 4 मार्च को बताया कि भुगतान के मामले में ऐसा कभी नहीं हुआ था। लेकिन होली के जुगाड़ करने के लिए उन्हें बाहर जाना पड़ रहा है, ताकि होली अच्छा रूप से घर में हो सके।

 

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