अधिवक्ता पर नहीं न्यायलय पर हमला है-रणजीत गिरि
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। कोर्ट के आदेश पर भूमि मापी कराने गए अधिवक्ताओं पर भू-माफियाओं द्वारा अधिवक्ताओं पर जानलेवा हमला के खिलाफ 15 जुलाई को अधिवक्ताओं द्वारा बोकारो कोर्ट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया गया।
जानकारी के अनुसार बोकारो सिविल कोर्ट के आदेश से चास अंचल के बांधगोड़ा में भू-मापी करवा रहे प्लीडर कमिश्नर अधिवक्ता भूदेव सिंह चौधरी और अधिवक्ता रंजीत कुमार मिश्रा पर भू माफियाओं द्वारा किए गए जानलेवा हमले की निंदा करते हुए अधिवक्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के नेशनल कौंसिल मेंबर अधिवक्ता रणजीत गिरि ने कहा कि यह हमला अधिवक्ता पर नहीं, बल्कि न्यायलय पर हमला है। इसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है। अधिवक्ता बासुदेव गोस्वामी ने अधिवक्ता पर हमला के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।
ज्ञात हो कि घायल अधिवक्ता रंजीत कुमार मिश्रा द्वारा पिंडराजोरा थाना में लिखित आवेदन देकर हमलावरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। परन्तु घटना के 24 घंटा बाद भी पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गयी है।
बोकारो के सब जज तृतीय के आदेश पर चास अंचल के बांधगोड़ा में भू-मापी कोर्ट से नियुक्त प्लीडर कमिश्नर अधिवक्ता चौधरी द्वारा किया जा रहा था।
जिनके साथ अधिवक्ता रंजीत कुमार मिश्रा भी वादी रौशन जमील की ओर से मौजूद थे। उसी समय दोनों अधिवक्ताओं पर जानलेवा हमला किया गया। उसी दौरान भू मापी का विरोध कर रहे भू माफियाओं ने अधिवक्ताओं पर जानलेवा हमला कर दिया। उनको बचाने के क्रम में मिश्रा पर भी जानलेवा हमला किया गया।
इसे लेकर 15 जुलाई को इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स ने हमला के विरोध में मार्च निकला और अधिवक्ता पर जानलेवा हमला के आरोपियों को तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। यहां विरोध प्रदर्शन में शामिल इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स ने निर्णय लिया कि कोई भी अधिवक्ता न्यायालय में अधिवक्ता के हमलावरों की पैरवी नहीं करेगा।
विरोध प्रदर्शन में नेशनल कौंसिल मेंबर अधिवक्ता रणजीत गिरि, अधिवक्ता अतुल कुमार, जवाहर प्रसाद, नीतीश नंदी, श्याम मिश्रा, अरविंद मिश्रा, अजीत ठाकुर, प्रतिमा कुमारी, हरि शंकर, रविन्द्र कुमार, विनोद कुमार, धुर्वेश्वर मंडल, शिव नाथ महतो, संदीप दास गुरु, दामोदर कुमार, वंशिका सहाय, राजश्री, अंजनी चौधरी, जितेंद्र महतो, अंकित ओझा, दीप्ति सिंह, आकाश कुमार, रीना कुमारी, सुमन वर्मा, रामावती कुमारी, मो. हसनैन आलम, संजीत कुमार सिंह समेत सैकड़ो अधिवक्तागण शामिल थे।
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