पटना में बीते साल शैक्षणिक आश्रम की स्थापना कर नंदन शिक्षा प्रसार के सपनों को पूरा करने में जुटे
संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। राज्य (State) में कई बड़े और चर्चित शिक्षण संस्थानों के वावजूद एक जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में चल रहे प्रयासों से संतुष्ट हुआ जा सकता है क्या?
यह एक गम्भीर चिंतन बनकर हाल में उभरता दिख रहा है। कई सारे शिक्षा प्रेमी और शिक्षाविद अपनी इस तरह की सोंचों को सामाजिक पटल पर रखने लगे हैं। वे सब भारतीय शिक्षा पद्धतियों से तैयार हो रहे नागरिक छवि से शायद आंशिक संतुष्ट हों।
ऐसी ही एक सोंच के साथ सामाजिक विसंगतियों को शिक्षा के जरिए दूर करने की एक अद्भुत सूत्र के साथ पटना के गुलजारबाग निवासी कुशवाहा नंदन (Gulzarbagh residential Kushwaha Nandan) आगे बढ़ते दिख रहे हैं। जगत प्रहरी प्रतिनिधि से हुई खास बात चीत के जरिए जो जानकारी उन्होंने दी वह बेहद उम्मीदों भरा मालूम होता है।
नंदन के अनुसार गुलजार बाग इलाके में नब्बे फीट के आसपास उन्होंने दिसंबर 2021 में एक शिक्षण संस्थान स्थापित किया है। वे खुद उक्त संस्था के निदेशक भी है। एक शिक्षा प्रेमी तो है ही, साथ ही वे एक बेहतर और उच्च सामाजिक सोच से लबालब व्यक्तित्व के धनी भी हैं। उनका मानना है कि शिक्षा आज भी मिल रही है।
एक से एक बड़े स्कूलों में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन इंसानियत और संस्कृति जो शिक्षा प्रदान का मूलाधार है। उसी के प्रति शिक्षित लोग काफी उदासीन हैं।
इसमें सम्बन्धित लोगों का दोष कम, ज्यादा कमी भेदभाव आधारित शिक्षा से है। मंहगी और बिजनेस भाव से दी जा रही शिक्षा वंचितों के विकास में एक बड़ी बाधा बन रही। साथ ही अंग्रेजियत की संस्कृति के प्रति आस्था राष्ट्र के नुकसान की एक वजह भी बनता जा रहा है।
शैक्षणिक आश्रम में हेल्थ प्रोग्राम के तहत जिम्नास्टिक क्लासेज भी होंगे आयोजित
गुलजार बाग इलाके का वह संस्थान शैक्षणिक आश्रम के नाम से स्थापित होकर आगे बढ़ रहा है। अन्य इंतजामों की कवायद भी जारी है। तब तक वहां खेल कूद की अनुमति दी गई है।
जबतक कक्षाओं की उक्त आश्रम में शुरुआत नहीं हो जाती। कुशवाहा नंदन जो मशरूम की खेती के सूत्र पर भी एक प्रायोगिक शोधकर्ता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे राज्य में शिक्षा की सूरत बदलेगी।
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