प्रोजेक्ट प्लस टू स्कूल मेघाहातुबुरु में ट्रैकसूट व् खेल सामग्री का वितरण

सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में सेल की मेघाहातुबुरु लौह अयस्क खदान ने एक और सराहनीय सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल को अंजाम दिया है। प्रबंधन की ओर से प्रोजेक्ट प्लस टू उच्च विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं के बीच ट्रैकसूट और विभिन्न खेल सामग्रियों का वितरण किया गया।

यह कार्यक्रम क्षेत्रीय स्तर पर शिक्षा और खेल को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य रूप से मेघाहातुबुरु के चीफ जनरल मैनेजर (सीजीएम) आरपी सेलबम और महिला समिति की अध्यक्ष स्टेला सेलबम की अगुवाई में यह आयोजन किया गया।

इसके अलावा कार्यक्रम में महाप्रबंधक एसके सिंह, वी के सुमन, मनीष राय, सुष्मिता राय, सुनीता थापा, सुषमा, योगेश राम, पिंकी, सहायक महाप्रबंधक मृत्युंजय कुमार, सरगेया अंगारिया, सुशीला समेत कई पदाधिकारी और महिला समिति की सदस्याएं उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय प्रांगण में बच्चों के चेहरों पर उत्साह साफ नजर आया। नये ट्रैकसूट पहनकर बच्चों की खुशी देखते ही बनती थी। खेल सामग्रियों के वितरण से छात्रों में खेलकूद को लेकर जोश और आत्मविश्वास बढ़ा है। स्कूल प्रशासन ने सेल प्रबंधन का आभार जताया और उम्मीद जताई कि ऐसे प्रयास बच्चों के सर्वांगीण विकास में मददगार साबित होंगे।

मुख्य अतिथि आरपी सेलबम ने कहा कि सेल का उद्देश्य केवल खनन कार्य तक सीमित नहीं है। हम यह मानते हैं कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी और भी बड़ी है। बच्चों को अच्छी शिक्षा और खेल संसाधन देकर उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट प्लस टू स्कूल के बच्चों को जो संसाधन दिए गए हैं, वह उनके आत्मविकास में मदद करेंगे। भविष्य में भी इस प्रकार की पहल जारी रहेंगी। उन्होंने बताया कि यह केवल एक शुरुआत है।

उन्होंने बताया कि सेल द्वारा निकट भविष्य में सारंडा के नक्सल प्रभावित इलाकों जैसे कुमडीह, बराईबुरु एवं टाटीबा गांव स्थित विद्यालयों में भी इसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वितरण कार्यक्रम में बच्चों को प्रदान की गई खेल सामग्री में फुटबॉल, वॉलीबॉल, नेट, कैरम बोर्ड, चेस सेट, स्पोर्ट्स कोन, विकेट सेट आदि शामिल थे। ट्रैकसूट उच्च गुणवत्ता के थे, जो खासतौर पर खेल गतिविधियों के लिए अनुकूल है।

कार्यक्रम के दौरान सीजीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि यह वितरण कार्यक्रम केवल प्रोजेक्ट स्कूल तक सीमित नहीं रहेगा। अगले चरण में सारंडा के अंदरूनी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों कुमडीह, बराईबुरु और टाटीबा के स्कूलों में जाकर वितरण किया जाएगा। यह कार्यक्रम मई महीने के पहले सप्ताह तक आयोजित करने की योजना है। इसका उद्देश्य उन इलाकों के बच्चों तक मूलभूत सुविधा पहुंचाना है, जो भौगोलिक और सामाजिक रूप से अब तक वंचित रहे हैं।

कार्यक्रम के समापन पर सामूहिक भोज और सांस्कृतिक प्रस्तुति का भी आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने लोकनृत्य और गीतों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को यादगार बना दिया। यह पूरा आयोजन न केवल एक सीएसआर गतिविधि रहा, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी, शिक्षा, खेल और सामुदायिक सहभागिता का बेहतरीन उदाहरण भी बनकर सामने आया।

 32 total views,  32 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *