एस. पी. सक्सेना/बोकारो। सनातन परंपरा को बनाये रखने तथा जीवंत करते हुए हिंदू धर्म का महा पर्व गुरु पर्व 21 जुलाई को बोकारो जिला के हद में गायत्री ज्ञान मंदिर कथारा में मनाया गया।
इस अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर कथारा में गुरु को याद करते हुए धूमधाम से गायत्री जप, सामूहिक यज्ञ तथा विभिन्न प्रकार के संस्कार संपन्न कराया गया।
जानकारी के अनुसार गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दोपहर भोग प्रसाद के पश्चात प्रथम पाली कार्यक्रम का समापन किया गया। तत्पश्चात सायं 4 बजे से सामूहिक दीपयज्ञ तथा आरती वंदन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
इस अवसर पर व्यास पीठ पर पुष्पा सिंह व् रीना सिन्हा तथा उनके सहयोगी के रूप में पुष्पा बरनवाल, रेखा बरनवाल, सुनीता चौहान, कलावती देवी, पूजा देवी, सीता देवी आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में क्षेत्र के समाजसेवी दशरथ महतो तथा प्रतिष्ठित व्यवसायी प्रदीप भाटिया उपस्थित थे। उन्हें तिलक चंदन तथा अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
समाज में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु गायत्री परिवार द्वारा स्थानीय रहिवासी सुमन कुमार सिंह तथा उनकी धर्मपत्नी अल्पना सिंह को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में गोमियां तथा बेरमो के मकोली आदि सुदूर क्षेत्र से सैकड़ो रहिवासी शामिल हुए।
कार्यक्रम में व्यवस्था बनाये रखने में गायत्री परिवार कथारा के सीताराम चौहान, संतोष विश्वकर्मा, हनुमान दयाल सिंह, सुजीत कुमार सिन्हा, लाल बाबू सिंह, सुरेंद्र प्रसाद, जितेंद्र चौहान, सीताराम चौहान, झरीलाल बरनवाल, सतीश बरनवाल आदि सक्रिय दिखे।
इस अवसर पर डॉक्टर दिनेश कुमार, सेवानिवृत प्रधानाध्यापक हरपाल सिंह, शिक्षक देवचंद सिंह, चंदन सिंह, बीपी अग्रवाल, बनवारी लाल श्रीवास्तव, अजीत गुप्ता, प्रेम प्रकाश, केशव प्रजापति, पुष्पा बरनवाल, मंजू सिंह, अर्चना शुक्ला, पीहू गोस्वामी, रोजी विश्वकर्मा, स्वाति मिश्रा, अनीता चौधरी, पी. एन. चौधरी, धीरज शर्मा, केतन कुमार वोरा, बलराम चौहान, भोला घोषाल, रामविलास चौहान आदि श्रद्धालूगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर हरिओम केसरी, नीतू केसरी के साथ पूजा गुप्ता, आनंद शर्मा व अन्य परिजन गुरुदेव के गायत्री मंत्र से दीक्षा ग्रहण किया। कार्यक्रम में मंच संचालन गोमियां प्रखंड समन्वयक तथा गायत्री परिवार बोकारो जिला युवा समन्वयक पंचदेव प्रसाद यादव ने की।
कार्यक्रम के समापन से पूर्व संध्या बेला में दीप यज्ञ, संध्या आरती तथा प्रसाद वितरण किया गया। वहीं गायत्री परिवार के हनुमान दयाल सिंह द्वारा साहूकार तथा किसान की ओजपूर्ण कहानी प्रस्तुत कर समाज में वास्तविक शक्ति का वर्णन किया गया।
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