अवध किशोर शर्मा/सोनपुर (सारण)। कालाजार नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे आईआरएस छिड़काव का अपर निदेशक सह वेक्टर बॉर्न डीजीज नियंत्रण के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने 21 अप्रैल को जायजा लिया। उन्होंने वैशाली जिला के हद में हाजीपुर सदर के शुभई दक्षिण टोले में छिड़काव दल और ग्रामीणों से बातचीत कर छिड़काव के तरीकों और हो रहे छिड़काव का अनुश्रवण किया।
अनुश्रवण के दौरान अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने छिड़काव से इंकार करने वाले घरों के अभिभावकों को समझा कर छिड़काव के लिए राजी किया। वे उन ग्रामीण टोलों में भी गए जहां पहले छिड़काव किया जा चुका था। खास बात यह रही कि आईआरएस के चल रहे कार्यों को उन्होंने संतोषप्रद पाया।
डॉ अशोक ने एईएस नियंत्रणार्थ जिले की स्थिति का जायजा लेने राघोपुर तथा पातेपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी गए। जहां उन्होंने एईएस के लिए बने वार्ड और उसमें मौजूद संसाधनों का जायजा लिया। अपने कुछ दिनों पहले के विजिट में डॉ अशोक ने हाजीपुर स्थित पीकू वार्ड का भी मुआयना किया था।
अपने विजिट के दौरान उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि चमकी के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल ले जाएं। सदर अस्पताल के सभागार में एईएस पर एंबुलेंस इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन के चल रहे प्रशिक्षण में भी डॉ अशोक ने दस्तक दी।
मालूम हो कि जिले में कुल 118 ईएमटी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डॉ अशोक ने ईएमटी को समझाते हुए कहा कि आप इस कार्यक्रम की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। मरीज को तत्काल घर से अस्पताल और अस्पताल से घर सुरक्षित लाना और पहुंचाना आपका मुख्य कार्य है। ऐसे में अगर कोई एईएस से पीड़ित बच्चा आपके एंबुलेंस में है तो सबसे पहले उसका ग्लूकोज लेवल नाप लेना है।
अगर यह सीमा से कम रहे तो तुरंत ही एसओपी के अनुसार स्लाइन लगा देनी है। ईएमटी को प्रशिक्षण दीपिका राणा और डॉ अनुराधा ने दिया। मौके पर जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सुनील केसरी, हाजीपुर सदर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय दास, केयर डीपीओ सोमनाथ ओझा व जफर समेत अन्य गणमान्य मौजूद थे।
200 total views, 1 views today