कथारा कोलियरी के बंद होने से वाशरी का उत्पादन प्रभावित-अजय

बीते 1 जनवरी से सीटीओ और ईसी के कारण कथारा कोलियरी का प्रोडक्शन बंद

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र (CCL Kathara Area) के कथारा कोलियरी का सीटीओ (कोल ट्रांसपोर्टिंग ऑर्डर) तथा ईसी (इन्वायरमेंट क्लियरेंस) नहीं मिलने के कारण कोलियरी का उत्पादन पुरी तरह ठप्प है।

इससे एक ओर जहां कथारा वाशरी का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर श्रमिकों पर इसका बुरा पड़ रहा है। उक्त बातें इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं बेरमो विधायक (Bermo MLA) प्रतिनिधि अजय कुमार सिंह ने 3 अप्रैल को एक भेंट में कही।

विदित हो कि कथारा कोलियरी के उत्पादन से कथारा वाशरी आत्मनिर्भर रहा है। पिछले वर्ष जब कथारा कोलियरी का गुणवत्ता युक्त कोयला उत्पादन हो रहा था तो कथारा वाशरी का उत्पादन और डिस्पैच लगातार 18 से 20 रैक यहां तक कि 24 रैक तक प्रतिमाह डिस्पैच संभव हो सका था। कथारा कोलियरी के बंद होने से यहां से पर्याप्त कोयला नहीं मिल पाने के कारण कथारा वासरी का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

इस संबंध में श्रमिक नेता सिंह ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन अन्य क्षेत्रों से अगर कोयले की आपूर्ति कथारा वाशरी के लिए नहीं कर पाया तो वाशरी लक्ष्य से दूर होगा। जिसका दुष्प्रभाव श्रमिकों के ऊपर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बीते एक जनवरी से सीटीओ (CTO) एवं ईसी के अभाव में कथारा कोलियरी का उत्पादन पुरी तरह ठप्प है।

अगर कथारा कोलियरी का कोयला लगातार वाशरी को प्राप्त होता तो वाशरी बीते वित्तीय वर्ष में मुनाफा देने वाली परियोजना में शामिल होता। उन्होंने कहा कि आज भी कथारा कोलियरी जो 3 माह से अधिक समय से बंद है उसे चालू करने की प्रक्रिया में तेजी नहीं दिखाई दे रहा है। जिससे मजदूरों में गहरा आक्रोश है।

उन्होंने बताया कि कथारा के अगुवा साथी अति शीघ्र सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद (CMD PM Prasad), राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनुप सिंह के साथ अन्य प्रतिनिधियों से भी मिलकर कथारा कोलियरी से बंद उत्पादन को जल्द चालू किए जाने का पहल करें।

राकोमयू के क्षेत्रीय अध्यक्ष व विधायक प्रतिनिधि अजय कुमार सिंह ने कहा कि अगर मजदूरों के नेतृत्वकर्ता साथी एक मंच पर आकर जोरदार पहल नहीं किए तो कथारा क्षेत्र के भविष्य के ऊपर सवालिया निशान होगा।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जारंगडीह परियोजना के विस्तारीकरण के लिए धरातल पर कार्य योजना क्रियान्वित किए जाने की आवश्यकता है। क्षेत्र के सामाजिक संगठन, प्रबुद्ध साथी तथा श्रमिक संगठन के ऊपर बड़ी जवाबदेही का निर्वाह किए जाने का संकट खड़ा है। जिस से निजात पाने के लिए जोरदार पहल करने की आवश्यकता है।

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