प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का करें व्यापक प्रचार प्रसार-एसी

जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक में एसी ने जीएम डीआइसी को दिया निर्देश

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में 30 दिसंबर को अपर समाहर्ता (एसी) ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (पीएमवीवाई) के जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक की। मौके पर महाप्रबंधक (जीएम) जिला उद्योग केंद्र (डीआइसी), अग्रणी जिला प्रबंधक, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पलाश (जेएसएलपीएस), सभी प्रखंड समन्वयक उद्योग, नगर निगम चास के समन्वयक आदि उपस्थित थे।

बैठक में एसी ने समीक्षा क्रम में योजना की आहर्ता के संबंध मे जानकारी ली। इस दौरान पीएमवीवाई पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की जानकारी ली। पंचायत स्तर पर संबंधित पंचायत के मुखिया द्वारा आवेदन अपलोड किया जाता है, जिसका सत्यापन करते हुए आवेदनकर्ताओं को प्रशिक्षण विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है, सफल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कारीगर को टूल कीट उपलब्ध कराया जाता है। अगर किसी आवेदक को ऋण की आवश्कता होती है, तो आवेदन को स्वीकृत करते हुए राज्य मुख्यालय को ऋण मुहैया के लिए स्वीकृति के लिए अनुशंसा की जाती है।

एसी ने बैठक में उपस्थित जीएम डीआइसी को योजना का व्यापक प्रचार प्रसार करने की बात कही। उन्होंने जेएसएलपीएस के तहत निबंधित एसएचजी समूह के सदस्यों, मुखिया आदि के साथ जिला स्तरीय कार्यशाला अगले साल जनवरी के दूसरे पखवारे में आयोजित करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रखंड समन्वयकों को क्षेत्र भ्रमण कर योजना से संबंधित अहर्ताधारियों/पारंपरिक कार्य कर रहें रहिवासियों को जागरूक करने को कहा।

उन्होंने पोर्टल पर प्राप्त 2,239 आवेदनों का भौतिक सत्यापन जनवरी माह में पूरा करने को कहा। वहीं, समिति के समक्ष 4,157 आवेदनों को राज्य मुख्यालय के लिए अनुशंसा करने का स्वीकृति दिया गया। इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर चर्चा करते हुए संबंधित पदाधिकारियों को जरूरी निर्देश दिया गया।

ज्ञात हो कि, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते वर्ष 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर केन्द्रीय क्षेत्र की योजना पीएम विश्वकर्मा की शुरुआत की थी। जिसका उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को संपूर्ण सहायता प्रदान करना है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय पीएम विश्वकर्मा योजना का नोडल मंत्रालय है। जिसमें 18 पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े कामगारों को बढ़ावा देने और नए अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की है।

इसके तहत कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, ताला बनाने वाले, लोहार- सुनार, कुम्हार- मूर्तीकार, मोची – राज मिस्त्री, डलिया, चटाई व् झाड़ू बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी जैसे कारीगरों को वित्तीय सहायता, तकनीकी प्रशिक्षण और टूल्स – मशीनरी के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है।

इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता को प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण कराना होता है। इसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता जरूरी हैं। दूसरे चरण में पंजीकरण के बाद मुखिया द्वारा कारीगर को पोर्टल पर सत्यापित किया जाता है। इसके बाद जिला स्तर पर जांच के बाद कारीगर को सत्यापित (वेरीफाई) किया जाता है।

चयनित कारीगरों को कौशल विकास केंद्र द्वारा तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें 15 हजार रुपए टूलकिट के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है और कारीगर की जरूरत के अनुसार पहली बार बिना किसी गारंटी के एक लाख रूपए तक ऋण पांच फीसदी ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। वहीं, पहले चरण का ऋण ससमय लौटाने पर दूसरी बार 2 लाख रुपए तक का ऋण दिया जाता है।

 46 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *