फिरोज आलम/जोनामोड़ (बोकारो)। आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा 3 नवंबर को असम की राजधानी गुवाहाटी प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
प्रेस वार्ता में सेंगेल की तरफ से पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष सेंगेल सालखन मुर्मू, केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू, असम स्टेट कमिटी के वर्किंग प्रेसिडेंट सोहन हेंब्रोम, प्रदेश उपाध्यक्ष बाजून टूडू, केंद्रीय संयोजक सेंगेल युवा- छात्र मोर्चा तिलका मुर्मू शामिल थे।
इस अवसर पर प्रेस वार्ता में पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने पत्रकारों को बताया कि सेंगेल अभियान अर्थात सशक्तिकरण अभियान विगत 25 वर्षों से चालू है। जो झारखंड, बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम के आदिवासियों के बीच में सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान पांच प्रमुख मांगों पर लगातार आंदोलनमूलक कार्यक्रमों को 5 प्रदेशों में चालू रखा गया है। पांच प्रमुख मांगो में प्रकृति पूजक भारत के आदिवासियों को सरना धर्म कोड के नाम पर धार्मिक मान्यता दी जाए और जनगणना में शामिल किया जाए।
असम के झारखंडी आदिवासियों अर्थात संताल, मुंडा, हो, भूमिज, उरांव आदि को अविलंब एसटी का दर्जा दिया जाए। संताली भाषा जो भारत देश में बड़ी आदिवासी भाषा है और आठवीं अनुसूची में भी शामिल है, को झारखंड में प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए।
बाकी राज्यों में इसको यथासंभव सहयोग प्रदान किया जाए। आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में अविलंब जनतंत्र और संविधान को लागू किया जाए। अवश्यक समाज सुधार हो।
तथा बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर बने झारखंड प्रदेश, जो वस्तुतः आदिवासी प्रदेश है, को अबुआ दिसुम अबुआ राज के रूप में पुनर्स्थापित किया जाए, ताकि बिरसा मुंडा और सिदो कांहो जैसे महान शहीदों का सपना सच हो। इसके लिए भारत के संविधान और कानून को लागू करना काफी है।
पूर्व सांसद मुर्मू ने मीडिया को बताया कि 4 नवंबर को असम की राजधानी गुवाहाटी के पास सचल, दिसपुर में 5 प्रदेशों के लगभग दस हज़ार प्रतिनिधि धरना प्रदर्शन और जनसभा में शामिल होंगे। तत्पश्चात आगामी 5 नवंबर को असम के राज्यपाल से संध्या 4 बजे मुलाकात करेंगे। उम्मीद है असम के मुख्यमंत्री से भी प्रतिनिधि मिल सकेंगे।
उन्होंने मीडिया को यह भी बताया गया कि फिलवक्त भारत के प्रधानमंत्री ने आदिवासी सेंगेल अभियान की मांगों पर गौर किया है। संज्ञान लिया है और भारत के गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का संदेश भेजा है। मुर्मू ने मीडिया को बताया कि आदिवासी सेंगेल अभियान को भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है।
देश के आदिवासियों को जरूर लंबा इंतजार करना पड़ा है, मगर अभी उनके आशा, आकांक्षाओं के पूर्ण होने की पूरी संभावना है। सेंगेल के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सोहन हेम्ब्रम ने असमीज भाषा में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया और मीडिया को साधुवाद दिया।
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