एस.पी.सक्सेना/रांची (झारखंड)। बिजली उत्पादन के क्षेत्र में झारखंड अन्य राज्यों से अग्रणी रहा है। अब झारखंड बिजली उत्पादन के अन्य क्षेत्र यथा सौर उर्जा के के क्षेत्र में भी कदम बढाने जा रहा है।
केंद्र सरकार (Central government) के तय गाइडलाइन के अनुसार अब सभी राज्यों को अपने राज्य में कुल बिजली खपत के चार प्रतिशत बिजली सोलर एनर्जी (सौर ऊर्जा) से उपयोग करना होगा। इससे अधिक राज्य को अपने संसाधानों के अनुसार सोलर एवं अन्य ग्रीन एनर्जी या फिर चाहें तो उत्पादित करके उसका उपयोग कर सकता है।
झारखंड में फिलहाल 2000 मेगावाट बिजली की खपत है। इस हिसाब से कम से कम 80 मेगावाट का लक्ष्य हासिल करना होगा। आने वाले वर्षों में झारखंड में बिजली खपत 4000 मेगावाट तक जा सकता है।
इसलिए ज्रेडा ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है, ताकि राज्य में अधिक से अधिक मात्रा में सोलर एवं अन्य ग्रीन एनर्जी का उत्पादन संभव हो सकेगा।
झारखंड सरकार आने वाले दिनों में बिजली खपत की मांग के बढ़ने की संभावना को देखते हुए कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट की जगह सोलर एवं अन्य ग्रीन एनर्जी की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है।
इस दिशा में ज्रेडा कई स्कीम चालू करने जा रहा है। हालांकि सोलर ग्रीन एनर्जी के तय लक्ष्य से झारखंड अब भी करीब 34 मेगावाट पीछे है। केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सभी राज्य अपने-अपने राज्य में कुल बिजली खपत का चार प्रतिशत सोलर को बढ़ावा देंगे और लक्ष्य को हासिल करेंगे। इसका लक्ष्य सभी राज्य को 2019-20 तक पूर्ण कर लेना था, मगर झारखंड इसमें अब भी पीछे चल रहा है।
झारखंड में कॉर्मिशियल रूप से केवल 16 मेगावाट ही अभी तक सोलर एनर्जी प्राप्त हो सका है। यह वर्ष 2006-07 में 16 मेगावाट था, जिसमें सात-सात का दो प्लांट देवघर तथा 2 मेगवाट चांडिल में स्थापित किया गया था। यह बिजली सीधे जेबीवीएनएल ले रहा था। इसके बाद वर्ष 2015-16 में रूफ टॉप सोलर एनर्जी का काम 5 मेगावाट से शुरू हुआ, जो अब 30 मेगावाट तक पहुंच गया है।
रूफ टॉप सोलर सरकारी भवन जैसे खूंटी व्यवहार न्यायालय, सचिवालय, रिम्स में सिस्टम को बैठाया गया। इससे उत्पादित बिजली का उपयोग दिन में ये संस्थान कर रहे हैं। ज्रेडा निदेशक केके वर्मा ने 13 जुलाई को बताया कि सरकार सोलर एवं ग्रीन एनर्जी को लेकर कई योजनाओं पर कार्य शुरू किया है।
आने वाले एक-दो वर्ष में इसका फायदा देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि अब ज्रेडा इस वर्ष तय लक्ष्य से कम से कम 50 मेगावाट का लक्ष्य को हासिल करने की योजना बनायी है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस ओर गेतलसूद डैम में 100 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाया जाएगा। जेबीवीएनएल एवं सेकी के साथ एमओयू हो चुका है। इसका टेंडर भी हो चुका है। अगस्त में प्लांट लगाए जाने का काम शुरू किया जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा एयरपोर्ट के लिए चिन्हित 16 स्थानों के खाली जमीन पर करीब 24 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया जाएगा। जिसमें देवघर, सिमडेगा, पलामू एवं गढ़वा में 20-20 मेगावाट क्षमता सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य है।
जबकि सिकिदरी हाईडल पावर प्लांट के कैनाल में 2 मेगावाट कैनाल सोलर प्लांट लगाया जाएगा। साहिबगंज, तिलैया, कोडरमा के जलाशयों के बगल में खाली पड़े जमीन पर सोलर प्लांट लगेगा। इसका डीपीआर तैयार करने का निर्देश दे दिया गया है।
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