मुश्ताक खान /मुंबई। कुर्ला पूर्व (Kurla east) के बेस्ट डिपो के सामने की सड़क पर गड्ढा है या गड्ढे में सड़क, इसका अनुमान लगाने में बेस्ट के चालक नाकाम साबित हो रहे हैं। भारी बारिश हो या हल्की फुहार बसों की रफ्तार में कोई कमी नहीं आई है। इन दिनों बेस्ट के चालकों द्वारा सड़कों पर पानी से भरे गड्ढे में भी बसों को कूदते हुए देखा जाता है।
इससे बरसाती पानी या गंदे पानी के छींटे उड़ने से लोगों के कपड़े खराब होते हैं। इसका खामियाजा यात्रियों के साथ-साथ राहगीर और स्थानीय दुकानदारों को भी भुगतना पड़ रहा है। चालकों का यह रवैया महिला, बच्चे और बुजुर्गों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
गौरतलब है की कुर्ला पूर्व बेस्ट डिपो के सामने की खस्ताहाल सड़क पर चलना आम नागरीकों सहित यात्रियों के लिए खतरे की घंटी है। यहां सड़क पर गड्ढा है या गड्ढे में सड़क, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। कुर्ला बेस्ट डिपो में घुसने से पहले अनगिनत गड्ढे उग आए हैं, जो कि बारिश के पानी से भर जाता है। वहीं पानी से भरे गड्ढों में बेस्ट के चालकों द्वारा बसों को कुदाने पर बरसाती व गंदे पानी के छिंटों से लोगों का सामान और स्थानीय दुकानदारों की दुकानों में पानी जाता है।
बता दें की रफ्तार से आने वाली बसें जब गड्ढे में गिरेंगी तो बसों का नुकसान होने के साथ-साथ महिला, बच्चे और बुजुर्गों को भी जोर का झटका लगता है। इस लिए मानसून के समाप्त होने तक बेस्ट बसों के चालकों से सावधानी बरतने की जरूरत है।
सोमवार 13 जुलाई को मनपा ने दावा किया था कि अब मुंबई की सड़कों पर कुल 166 गड्ढे हैं। मनपा के बेबुनियाद दावों की पोल कुर्ला पूर्व और पश्चिम की सड़कों का जायजा लेने से खुल जाएगा। इसी तरह चेंबूर, मानखुर्द, सायन -ट्रॉम्बे हाईवे आदि की छानबीन की जाए तो खुद की पीठ थपथपाने वाली मनपा के अधिकारियों को सांप सूंघ जाएगा।
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