महाराष्ट्र में सियासत, पेट्रोल – डीजल महंगा, सस्ती शराब

क्या दारू राष्ट्र बनेगा महाराष्ट्र?

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। राज्य में शराब को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यरोप का सिलसिला चल पड़ा है। हाल ही में उद्धव सरकार ने सुपर मार्केट (Super Market) व दुकानों पर वाइन बिक्री की अनुमति दी है, इसके बाद से भाजपा (BJP) हमलावर है।

भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार (State Government) से पूछा है कि शराब कल्चर को बढ़ावा देने का मतलब अब साफ होता जा रहा है , क्या राज्य सरकार महाराष्ट्र को दारू राष्ट्र बनाना चाहती है।

भाजपा के इस आरोप के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को मीडिया (Media) से बात चित के दौरान कहा कि फडणवीस सरकार साल 2018 में शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी की योजना बनाई थी। यह क्या था? सांसद साध्वी प्रज्ञा शराब का सेवन को दवा मानती हैं।

वाइन शराब नहीं। संजय राउत

इससे पहले सरकार के फैसले का विरोध कर ही भाजपा पर संजय राउत ने हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि वाइन शराब नहीं है। यदि वाइन की बिक्री बढ़ती है तो इससे महाराष्ट्र के किसानों को लाभ होगा।

भाजपा इसका विरोध कर रही है, लेकिन उसने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। हमने महाराष्ट्र के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वाइन बिक्री को लेकर यह कदम उठाया है।

बता दें कि नियम के अनुसार, राज्य सरकार 1,000 वर्ग फुट और उससे अधिक के सुपरमार्केट और दुकानों में लाइसेंस (License) शुल्क का भुगतान करके वाइन बेच सकती हैं, हालांकि उसे बिक्री के लिए बने नियमों का पालन करना होगा।

फडणवीस ने कहा था- मद्य राष्ट्र

भाजपा का कहना है कि पेट्रोल-डीजल सस्ता करने की बजाए राज्य सरकार शराब बिक्री की सुविधाएं दे रही है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह महाराष्ट्र (Maharashtra) है कि मद्यराष्ट्र है?

कोरोना काल में किसानों और गरीबों के लिए एक भी मदद की घोषणा राज्य सरकार ने नहीं की। इन्हें बस शराब की चिंता है। पेट्रोल और डीजल महंगा है और शराब सस्ती हो रही है।

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