नटवर साहित्य परिषद द्वारा सरैयागंज में काव्य संध्या का आयोजन

एस. पी. सक्सेना/मुजफ्फरपुर (बिहार)। मुजफ्फरपुर शहर के सरैयागंज स्थित नवयुवक समिति सभागार में नटवर साहित्य परिषद द्वारा 29 अक्टूबर को काव्य संध्या का आयोजन किया गया।

यहां आयोजित मासिक कवि सम्मेलन सह मुशायरा में बड़ी संख्या में कवियों ने शिरकत की। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ देवव्रत सिंह अकेला, मंच संचालन सुमन कुमार मिश्र तथा धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डॉ नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी ने किया।

इस अवसर पर कवि सम्मेलन की शुरुआत आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री के गीत से किया गया। इसके बाद सृजन गवाक्ष पत्रिका के संपादक डॉ विजय शंकर मिश्र ने हारते जो रहे भूख से युद्ध में जख्म है और क्या चाँद उनके लिए सुनाकर श्रोताओं की तालियां बटोरी।

काव्य संध्या में अंग्रेजी के प्रोफेसर व कवि डॉ देवव्रत सिंह अकेला ने आसमां करता है झूठ सच का हिसाब, इस दुनिया से पटे वो दुनिया जहां सब दिखता है प्रस्तुत कर भरपूर तालियां बटोरी। शायर डॉ नर्मदेश्वर मुज़फ़्फ़रपुरी ने ग़ज़ल हालात हमारे भी संवर क्यूं नहीं जाते, ये ख्वाब हकीकत में उतर क्यूं नहीं जाते सुनाकर भरपूर दाद बटोरी।

शायर महफूज़ आरिफ ने मुझ को खुशबू की तरह दिल में बसाए रखना, मैं तेरा ख्वाब हूं आँखों में छुपाए रखना पेश की। कवि डॉ लोकनाथ मिश्र ने उठता हूँ, चलता हूँ, ठोकरें खाता हूँ, गिरता हूँ, उठता हूँ फिर चलता हूँ सुनाकर उपस्थित जनों को भाव विह्वल कर दिया।

इस अवसर पर भोजपुरी के कवि सत्येन्द्र कुमार सत्येन ने जा जा चन्दा पिया के देशवा, कहिआ सनेसवा हमार सुनाकर तालियां बटोरी। कवि शशि रंजन वर्मा ने जीने को जी रहा हूँ, अब गम को पी रहा हूँ प्रस्तुत किया। युवा कवि सुमन कुमार मिश्र ने रात का श्रृंगार हरश्रृंगार भर रहा सुनाकर तालियां बटोरी।

कवि डॉ जगदीश शर्मा ने विश्व स्ट्रोक दिवस दे रहा जीने का संदेश है, संभाले दिल अपना अन्यथा होगा लकवाग्रस्त है सुनाकर व्यंग के छींटे बिखेर दी। कवि रामबृक्ष राम चकपुरी ने कैसे करे दुनिया की व्याख्या बुद्ध की धरती है यहां, विश्व खड़ा हिंसा युद्ध नफरत से पटी धरती है यहां सुनाकर समाज को भाईचारगी का संदेश दिया।

कवि सूबेदार एन के साहु ने मेरी चिठ्ठी लौट के आओ, घर आंगन फिर से दुलराओ सुनाकर तालियां बटोरी। कवि यशपाल कुमार ने माँ-बाप की ये है परियां, चांद तारों सी है ये गुड़िया यथार्थ से परिचय कराया। कवयित्री मुन्नी चौधरी ने आयी दिवाली जगमग दीप जलाओं ‘ सुनाकर जमकर तालियां बटोरी।

काव्य संध्या में इसके अलावा नन्द किशोर पोद्दार, सुरेन्द्र कुमार, अरूण कुमार, अमित कुमार, मुजफ्फरपुर की युवा कवियित्री सविता राज की रचनाएं भी जमकर सराही गई।

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