ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता?
जो टूट जाए वो संकल्प नहीं होता!
लक्ष्य की दूरी का विकल्प नहीं होता!!
बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता?
बिना चोट खाए पत्थर भी भगवान नहीं होता।
ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता?
जियो जिंदगी उसके रहमों-करम पर!
पूरी होती हैं फकीरों की भी मुरादें!
मगरूर बादशाहों के ख्वाब अधूरे रह जाते हैं।
जीते सभी हैं, कभी गैरों के लिऐ जिओ!
दरिया खुद पानी नहीं पीती,पेड़ फल नहीं खाते!
पूत्र्ल यूं ही खुशबू नहीं बिखेरते क्यों ?
ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता?
गैरों के लिए ही जीना जिंदगी है।
मांगों तो रब से, मिली तो रहमत नहीं तो किस्मत।
दुनिया से हाथ फैलाओगे एहसान तले दब जाओगे।
कामयाबी पर न इतराओ, नाकामियों को गले लगाओ!
मुकद्दर कदमों में होगी, और तू होगा बाहशाह !
उम्र भर कौन निभाता है सबका साथ,
जनाजे में हर कदम पर बदल जाते है कंधे।
ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता?
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