प्रहरी संवाददाता/बोकारो। बोकारो जिला के हद में बेरमों के मूर्धन्य कवि, व्यंगकार एवं पत्रकार प्रदीप प्रसाद उर्फ प्रदीप प्रिती का 9 अगस्त की अहले सुबह निधन हो गया। वे 64 वर्ष के थे। उनकी मौत का कारण कैंसर रोग ग्रस्त होना बताया जा रहा है। पत्रकार के निधन पर बेरमो के पत्रकारों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।
जानकारी के अनुसार झबबू सिंह कॉलेज के निकट एक निजी आवास में रह रहे कवि, व्यंगकार एवं पत्रकार प्रदीप प्रीति का निधन हो गया।परिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वे बीते एक वर्ष से कैंसर रोग से ग्रसित थे। उनका इलाज बेंगलोर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था।
हाल ही में लगभग एक सप्ताह पूर्व उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए उनकी पत्नी व् भरत सिंह पब्लिक स्कूल से सेवानिवृत शिक्षिका प्रीति बाला देवी तथा पुत्री तनुश्री द्वारा पुनः टाटा के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने जांचोपरांत उनकी बीमारी की गंभीरता को देखते हुए जवाब दे दिया।
इसके बाद से वे बेरमोंं में जीवन के लिए संघर्ष करते रहे। अपने आवास में उन्होंने 9 अगस्त की अहले सुबह लगभग 3:30 बजे अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज संध्या बेला में दामोदर नदी तट श्मशान घाट पर कर दिया गया।
ज्ञात हो कि, विविध कला में माहिर प्रदीप प्रीति केवल एक अच्छे अभिभावक हीं नहीं बल्कि उच्च श्रेणी के कवि, व्यंगकार व मूर्धन्य पत्रकार के रूप में क्षेत्र में जाने जाते थे। उन्होंने 80 के दशक में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद सर्वप्रथम कथारा स्थित जयसवाल मार्केट में दुकानदारी से जीवन की शुरुआत की।
कालांतर में उनका मन व्यवसाय से उचट गया, जिसके कारण वे जीविको पार्जन के लिए बच्चों को ट्यूशन पढाना शुरु किया। इस दौरान उनका विवाह प्रीति बाला से हुआ जिससे उन्हें पांच पुत्रियां हुई। जिनमें इसी वर्ष उनकी छोटी पुत्री का निधन बीमारी से हो गया, जिससे वे बुरी तरह टूट गए।
दिवंगत पत्रकार प्रदीप प्रीति द्वारा बेरमोंं के फुसरो, सुभाष नगर, साड़म, गोमियां, कथारा, बोकारो थर्मल, संडे बाजार आदि क्षेत्रों में कई कवि गोष्ठी में शामिल होकर अपनी कविता प्रस्तुत कर क्षेत्र के साहित्यकारों में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
90 के दशक में वे पत्रकारिता से जुड़े जिसमें उन्होंने पूर्व में बेरमो के फुसरो से प्रकाशित युद्ध चक्र, काली माटी, बोकारो से प्रकाशित मंगलवार, भावी युग सृजक तथा मुंबई से प्रकाशित जगत प्रहरी से वर्षों तक जुड़े रहे।उनकी पत्रकारिता में एक अलग तरह की धार, समाज को नई दिशा देने की परिकल्पना शामिल रहता था। 90 के दशक में भी खास कर होली पर्व के अवसर पर उनके द्वारा रचित व्यंग्य को खास तवज्जो दिया जाता था।
सामाजिक क्षेत्र में भी वे जीवनभर कार्य करते रहे। उनके अथक प्रयास से ही करगली के समीप घुटियाटांड वस्ती मार्ग पर पूर्व मंत्री दिवंगत राजेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार कर भव्यता दी गयी।
कवि, व्यंग्यकार तथा पत्रकार प्रदीप प्रीति के निधन पर पूर्व संपादक सह पत्रकार व् वर्तमान में अमरीका में रह रहे राधाकृष्ण विश्वकर्मा उद्भ्रांत, श्याम किशोर चौबे, पिछरी निवासी पत्रकार ऋषिकेश नारायण पोद्दार, जरिडीह बाजार निवासी ओम प्रकाश सोनी, संडे बाजार निवासी सुबोध सिंह पवार, जगत प्रहरी के बिहार-झारखंड ब्यूरो प्रमुख एसपी सक्सेना, एसएनएस चैनल हेड सत्येंद्र सिंह, अनुरागी सुनील, मुनीश वर्मा, चंद्रिका मर्तण्ड, आदि।
अजीत जयसवाल, उदय प्रसाद गुप्ता, डॉ योगेंद्र सिंह, मुस्ताक परबेज, साजेश गुप्ता, बीरमणि पांडेय, बीके प्रसाद सोनी, नंदलाल सिंह, संतोष दत्ता, कुलदीप कुमार, कवि व् साहित्यकार ओम प्रकाश कृत्यांश, समाजसेवी व भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष जगन्नाथ राम, विनोद सिंह, रविंद्र प्रसाद पटवा, प्रेम शंकर पटवा सहित फुसरो व जरीडिह बाजार के दर्जनों व्यवसायीयों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।
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