शब-ए-कद्र की रात इबादत में गुजार कर करें अल्लाह को राजी-अयूब

फिरोज आलम/जैनामोड़ (बोकारो)। सोशल एक्टिविस्ट जैनामोड़ (Jaina mod) गायछंदा निवासी अयूब अंसारी (Ayub Ansari) ने कहा कि रमजान का महीना चला। सात मई अलविदा जुम्मा के बाद आखिरी आशरे की ओर और इस आखिरी आशरे 21, 23, 25, 27 एवं 29 की वो शबे ए कद्र की रात जो अल्लाह हर दुआ कबूल करता है। हालांकि सभी अफजल रात इबादत में शुमार किया जाता है, लेकिन एक रात ऐसी भी है। उस रात को कोई भी दुआ मांगी जाए तो वह अल्लाह के रहमों करम से टाली नहीं जाती।
अयूब अंसारी के अनुसार उसे तलाश करने की जरूरत रमजान मोमिनो के लिए एक पैगाम लेकर आता है, और एक सबक सिखा कर चला जाता है। इस्लाम कैलेंडर के नौवें महीने में एक महिना रोजे रखने के साथ-साथ सदका के तौर पर फिरता जकात देने का हुक्म इस्लाम में कहा गया है। यह गरीब यतीम बेबस व लाचार का हक है। जिसका आप सहारा बने यह अल्लाह के तरफ से तोहफा है कि गरीबों का हक जरूर उन्हें सदका के तौर पर तक्सीम किया करे।
उन्होंने कहा कि महामारी को देखते हुए सरकार के द्वारा लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है और रमजान अब आखिरी पड़ाव पर है। संभवतः 13 मई या 14 मई को ईद होने वाली है। प्रदेश एवं देश की हालात को देखते हुए आप सभी से अपील है कि गरीब बेसहारों का सहारा बनते हुए इस ईद में उन्हें जकात के तौर पर छोटी सी रकम जरूर तक्सीम करें ताकि उन गरीबों का ईद सादगी से मना सके।

 227 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *