नरकेरा में डीडीसी की अध्यक्षता में प्लास्टिक मुक्त अभियान की शुरुआत

पर्यावरण को बचाना है तो प्लास्टिक का उपयोग नही करे-डीडीसी

हर एंगल से नरकेरा एक मॉडल पंचायत के रूप में उभरा है-एसडीओ

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिले (Bokaro district) में खुले में शौच से मुक्त होने वाली ग्राम पंचायत नरकेरा में अब स्वच्छ भारत मिशन फेज -2 के तहत पॉलीथिन मुक्त बनाने की कवायद शुरू की गई है।

इसके तहत 4 सितंबर को चास प्रखंड के हद में नरकेरा पंचायत के नरकेरा ग्राम में उप विकास आयुक्त जयकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में प्लास्टिक मुक्त अभियान की शुरुआत की गई है।

यह कार्यक्रम यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित किया गया तथा वर्ड विज़न के सहयोग से कचरा डब्बा ग्रामीणों के बीच वितरण किया गया। कार्यक्रम में समुदाय द्वारा प्लास्टिक कचरे के पुन: उपयोग की प्रदर्शनी भी लगाई गई। जिसे डीडीसी (DDC) एवं एसडीओ (SDO) चास के द्वारा देखी गई। साथ हीं कचरा रिक्सा का उद्घाटन भी किया गया।

इस अवसर पर डीडीसी जय किशोर प्रसाद ने नरकेरा पंचायत को प्लास्टिक मुक्त कराने के लिए रहिवासियों को जागरूक किया तथा प्लास्टिक से हो रहे नुकसान को ग्रामीणों के बीच बताया। उन्होंने ग्रामीणों के बीच जाकर प्लास्टिक का उपयोग ना करने और उससे हो रहे नुकसान को भी बताया तथा लोगो को जागरूक किया।

अनुमंडल पदाधिकारी चास दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने भी प्लास्टिक मुक्त जन जागरूकता अभियान में नरकेरा पंचायत के रहिवासियों को घर घर जाकर पर्यावरण का किस तरह नुकसान प्लास्टिक कर रहा है, उसके बारे में बताया। प्लास्टिक मुक्त जागरूकता अभियान उन्मूलन करते हुए आज से नरकेरा पंचायत को प्लास्टिक मुक्त होने के घोषणा भी उन्होंने की।

यहां उप विकास आयुक्त प्रसाद ने बताया कि पर्यावरण को बचाना है तो प्लास्टिक का उपयोग नही करके अब कपड़े या कागज से बने बैग या थैले का इस्तेमाल करें, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि जो मार अभी आम जनमानस झेल रहे हैं।

उसे हमलोग बचा सकते है। उन्होंने कहा कि नरकेरा पंचायत के पूरे नरकेरा गांव में शौचालय बनवाया जा चुका है। यहां के रहिवासी पूर्णरूप से जागरूक होकर शौचालय का उपयोग कर रहे है। इसी कारण इस पंचायत को पूर्ण रूप से शौच मुक्त किया जा चुका है।

नरकेरा पंचायत आज प्लास्टिक फ्री विलेज मॉडर्न विलेज के रूप में सामने आया है। अनुमंडल पदाधिकारी शेखावत ने बताया कि नरकेरा पंचायत के रहिवासियों ने अपने आप में संगठन बनाकर एवं एक संकल्प लेकर इस गांव को प्लास्टिक फ्री बनाया है।

यही नहीं यह भी उपलब्धियां है, जैसे हर घर में शौचालय है। इसका पूर्ण रूप से उपयोग भी किया जाता है। यह हर एंगल से यह एक मॉडल पंचायत के रूप में उभरा है। यहां के लोगों ने आपसी सहयोग एवं मुखिया के सहयोग से यह सफलता हासिल किया है। यह एक सराहनीय कार्य है।

यह पूरे झारखंड राज्य के लिए एक सराहनीय कार्य का संदेश झारखंड के हर कोने में जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा कार्य इस तरह का और भी पंचायत में हो, इसके लिए वे यूनिसेफ पेटीएम से आग्रह करते हैं ताकि और भी पंचायतों में इस काम को अवश्य रूप से करें। यह एक शुरुआत है।

कार्यक्रम के दौरान एसबीएम राज्य समन्वयक आजाद, एसएलडब्ल्यूएम के राज्य सलाहकार सह राज्य विशेषज्ञ संजय, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी चास संजय प्रसाद, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी तेनुघाट राम प्रवेश राम, राज्य सलाहकार अमरेंद्र, यूनिसेफ के घनश्याम,आदि।

यूनिसेफ समर्थित टीम-देवनेट से मुरारी, जेई चास, मुखिया सोनामुनी मुर्मू, वार्ड सदस्या सविता रजवार, पुनीत प्रसाद गुप्ता, सुनील पांडेय, विमोली देवी, यूनिसेफ सपोर्टेड बोकारो की टीम, जिला और ब्लॉक एसबीएम टीम, डब्ल्यूवीआई टीम और सामाजिक कार्यकर्तागण इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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