प्रहरी संवाददाता/बोकारो थर्मल (बोकारो)। विस्थापित एवं स्थानीय संघर्ष समिति बोकारो थर्मल कमिटी की बैठक आगामी 14 जून से डीवीसी बोकारो थर्मल पावर प्लांट का गेट जाम आन्दोलन को लेकर स्थानीय फुटबॉल मैदान में आयोजित किया गया।
उक्त बैठक में कहा गया कि भूत पूर्व सांसद दिवंगत विनोद बिहारी महतो के बीच हुए समझौते को अब तक डीवीसी प्रबंधन लागू नहीं किया। जिससे क्षेत्र के विस्थापितों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका। जिसके कारण नौकरी, रोजगार, पुनर्वास एवं मूल भूत समस्या अबतक अधर में लटका हुआ है।
वक्ताओं द्वारा कहा गया कि एक से एक आन्दोलन वर्षो से किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय डीवीसी प्रबंधन द्वारा हमेशा टाल मटोल किया जाता रहा है। कहा गया कि डीवीसी मुख्यालय कोलकाता से वर्ष 2016 में सर्कुलर जारी किया गया था कि, किसी भी परियोजना में रोजगार की संभावनाएं बनती है तो सबसे पहले स्थानीय/विस्थापितों को शत-प्रतिशत रोजगार देना अनिवार्य है।
इसका अनुपालन स्थानीय प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया। कहा गया कि बड़े बड़े राष्ट्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा झूठे वायदे कर वोट लेकर बाहरी लोगों को रोजगार, ठेका सुरक्षा की दृष्टि से काम करते हैं।
दूसरे सर्कुलर में मुख्यालय द्वारा वर्ष 2019 में कहा गया है कि छोटे छोटे ठेका कार्य दस लाख तक विस्थापित परिवारों को बिना अनुभव के इच्छुक व्यक्तियों को देना अनिवार्य है, ताकि भूमिहीन परिवारों को स्व-रोजगार मिल सके। लेकिन इसका अनुपालन भी नहीं किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि वर्तमान में कार्यरत तमाम एएमसी/एआरसी मजदूर ठिकेदार के रिश्तेदारों, प्रबंधन के लोगों, डीवीसी कर्मचारियों के रिश्तेदारों एवं विस्थापितों के अधिग्रहीत भूमि पर अवैध बसने वाले लोगों को डीवीसी प्रबंधन रोजगार देने का काम किया है। लेकिन स्थानीय, विस्थापितों और डीवीसी मृत अश्रीतो को रोजगार देने का काम प्रबंधन द्वारा अब तक नहीं किया गया है।
दूसरा यह कि वित्तीय वर्ष 2001-02 में तत्कालीन उपायुक्त बोकारो की मध्यस्थता में तीन चरणों में त्रिपझीय समझौता वार्ता डीवीसी प्रबंधन के बीच हुई थी। जिसमें विस्थापित परिवारों की एक सूची बनाई गई थी।
साथ ही डीवीसी प्रबंधन को निर्देश दिए गए थे कि प्रबंधन मुख्यालय में बनाए गए नियोजन निति को पुनः संशोधन नियमावली को करते हुए वंचित विस्थापित परिवारों को नियोजन चालू करें।
बैठक में कहा गया कि स्थानीय डीवीसी प्रबंधन को किसी भी तरह से समझाने या निर्देश का कोई फर्क नहीं पड़ता। हमेशा की तरह डीवीसी प्रबंधन मनमानी कर रही है। इसे अब स्थानीय विस्थापित बर्दास्त नहीं करेंगे। इसलिए आगामी 14 जून से बोकारो थर्मल पावर प्लांट गेट जाम आन्दोलन रोटी दो या जेल दो के तहत करने का निर्णय लिया गया है।
उक्त बैठक में बालेश्वर यादव, दिनेश यादव, इफ्तिखार आलम, करीम अंसारी, वाजीद हुसैन, सुरेन्द्र घासीं, बबलू अंसारी, छत्तधारी गोप, मिथलेश रजवार, किशन कुमार, भोला यादव, अर्जुन रविदास सहित दर्जनों विस्थापित बेरोजगार युवकों ने भाग लिया।
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