कला मंगल प्रदर्शनी-सह-व्याख्यानमाला में युवा कलाकारों की कला कृतियों को तरजीह
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना में स्थित बिहार ललित कला अकादमी की कला दीर्घा में 11 फरवरी को अकादमी की कला मंगल प्रदर्शनी-सह-व्याख्यानमाला श्रृंखला के अंतर्गत लोककला के युवा कलाकारों की कलाकृतियों की समूह प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में 44 (चौवालीस) कलाकृतियों को प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया।
कला मंगल की इस समूह प्रदर्शनी का विधिवत शुभारंभ निदेशक सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग रूबी ने फीता काटकर किया। निदेशक द्वारा कैटलाग का लोकार्पण के साथ ही प्रतिभागी कलाकार को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में निदेशक रूबी ने कहा कि युवा कलाकारों की समूह प्रदर्शनी, जिसमें मुख्यतः मंजुषा कला, मधुबनी कला को दर्शाया गया है प्रशंसनीय है। ये कलाकृति कलाकारों की मेहनत एवं सकारात्मक सोच को प्रदर्शित करता है।
ज्ञात हो कि, उक्त प्रदर्शनी में भाग लेने वाले सभी कलाकारों की दो-दो कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है। अन्नु कुमारी की जैमाल, अर्चना चैधरी की माँ, अर्चना भारती की बसुंधरा, मुक्ति झा का मिथिला लोककला और कलाकार, बुलबुल कुमारी की दशावतार, आलोक भुषण का मैंगो ट्री, अमन सागर का सेव इनवायरमेंट, सुमन कुमार का लार्ड बुद्धा, रोशनी कुमारी की छठ पूजा, खुशबू कुमारी का चौथ चाँद, सोनी कुमारी का कृष्ण रासलीला, अष्विनी आनन्द की मंजूषा कला, पुष्पा कुमारी का मधुबनी पेंटिंग, आदि।
बेबी कुमारी का पर्यावरण, पवन कुमार सागर का विहुला विषहरी, अमिषा कुमारी की वर्ली आर्ट, स्मिता कुमारी की मेनियेचर पेंटिंग, लवली कुमारी की कोहबर पेंटिंग, आर्या आनन्द का वरली आर्ट, अनामिका शेखर की मत्स्य अवतार, रविकांत शर्मा की डिसेंट ऑफ द गैंगस की कलाकृतियां दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी।
इस अवसर पर अमृता प्रीतम, अकादमी सचिव सह विशेष कार्य पदाधिकारी, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार पटना, कार्यक्रम के सह-संयोजक बिरेन्द्र कुमार सिंह तथा योगिन्द्र सिंह गंभीर, मनोज कुमार सहनी, हरि कृष्ण मुन्ना, विनीता कुमारी, दिपक कुमार सिन्हा, अमित कुमार, दिनेश कुमार, सुनील कुमार चैधरी, अल्का दास, साधना देवी, देवपूजन कुमार, ओमकार नाथ, विजय कुमार, चन्दन कुमार, कुमारी शिल्पी रानी एवं कई वरिष्ठ कलाकार, कला समीक्षक आदि उपस्थित थे।
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