कचरा वर्गीकरण केंद्र से बीमारियों का खतरा बढ़ा
मुश्ताक खान/मुंबई। शहर व क्षेत्र के सुखा व गिले कचरे का वर्गीकरण करने के लिए वाशीनाका के मुकुंद नगर में स्थित फ्रीवे के निचे एक केंद्र बनाया गया है।
मनपा एम पश्चिम के इस केंद्र में वाहनों से कचरा लाया जाता है और जैसे – तैसे रोड़ पर डाल दिया जाता है। जो कि धन कचरा विभाग की लापरवाहियों का नमूना के साथ – साथ बीमारियों का संकेत है। जैसे – तैसे फेंके गए कचरों के दुर्गंध से पूरे क्षेत्र की जनता परेशान है।
इतना ही नहीं इस केंद्र के आस पास से गुजरने वाले भी किसी अज्ञात बीमारी का शिकार हो सकते हैं। अगर इसकी रोक-थाम नहीं की गई तो आने वाले समय में यहां के लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा।
मिली जानकारी के अनुसार पीएपी परियोजना के तहत शहर व उपनगरों के नागरिकों को जबरन मुकुंद नगर में पुर्नवसन कराया गया है। बताया जाता है कि मुकुंद नगर की जर्जर इमारतों में रंग रोगन कराकर मनपा ने इस इलाके को आबाद किया है।
हैरानी की बात यह है कि करीब दो दशक बितनेे के बाद भी इस नगर में आने जाने के लिए सुविधाजनक रास्ता भी नहीं है। यहां के समाजसेवक मोहम्मद शेख, राजेंद्र नगराले, चांद बाशा आदि लोग वर्षो से रास्ते के मुद्दे पर शिकायत करते रहे हैं।
इसके बावजूद मनपा एम पश्चिम के स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा तरह -तरह से दबाव बनाया जाता है। हाल के दिनों में मुकुंद नगर कि जनता के सामने एक नहीं अनेक समस्याएं हैं। मनपा द्वारा इस नगर के नागरिकों को अलग-अलग फरमान जारी किया जाता है।
ऐसे में जब नागरिक अपनी समस्याओं को लेकर मनपा के सबंधित अधिकारी से मिलना या अपनी समस्या बताना चाहते हैं तो वे लोग कोविड का बहाना बना कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
ताजा वाक्या बुधवार का है मुकुंद नगर निवासी ने मनपा के प्रशासकीय अधिकारी पुष्पा माने से संपर्क कर समस्याओं को बताने कि कोशिश की तो उन्होंने बात पूरा होने से पहले ही फोन काट दिया। इसके बाद अब वह पत्रकार का फोन नहीं उठाती हैं क्यों ?
इसके बाद धन कचरा विभाग के क्षेत्रिय अधिकारी कैलाश ताजने से बात करने पर उन्होंने रोड़ पर कचरा फैलने की बात को स्वीकार किया। ताजने ने बताया कि मौजूदा समय में निजी ठेकेदार के कर्मचारियों की लापरवाहियों के कारण ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा की भविष्य में ऐसा नही होगा।
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