विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। गोमियां प्रखंड (Gomian block) के हद में स्थानीय सामुदायिक चिकित्सा केंद्र में चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों का हाल बेहाल है। इस वैश्विक महामारी में देश की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
जानकारी के अनुसार गोमियां सामुदायिक चिकित्सा केंद्र का भी यही हाल है। गोमियां की आबादी के अनुसार 35 हजार पर एक डॉक्टर (Doctor) है, जबकि 1 हजार की आबादी पर एक डॉक्टर होनी चाहिए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड है, जबकि 10 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड के लिए निर्देशित किया गया था। स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों के अनुसार चिकित्सकों का पदस्थापना नहीं किया गया है। गोमियां प्रखंड के स्वास्थ्य सेवा के लिए महज 7 डॉक्टर कार्यरत हैं, जबकि चौदह डॉक्टर होने चाहिए। वर्तमान समय में एक चिकित्सक को बोकारो, एक जारंगडीह कोविड सेंटर एवं एक चिकित्सक को बेरमो में नियुक्त किया गया है। मौजूदा समय में 4 चिकित्सक में से तीन कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। महज एक चिकित्सक के भरोसे पूरा हॉस्पिटल चल रहा है। यह गंभीर विचारणीय विषय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार माने तो 2,31,185 की आबादी में कम से कम 200 डॉक्टर होनी चाहिए।
इस वैश्विक महामारी में डॉक्टरों की कमी के कारण कोरोना वैक्सीन लेने वालों की लंबी लंबी कतार लगी रहती है। लोग 9 बजे सुबह से ही डॉक्टर के इंतजार में खड़े रहते हैं। मौजूदा हालात में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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