पंचायतों को भंग किये जाने के खिलाफ पंचायत प्रतिनिधियों ने किया प्रदर्शन

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। पंचायतों को भंग किए जाने के फैसले को वापस लेकर पंचायती राज को 6 माह का कार्यकाल विस्तार देने की मांग को लेकर 3 जून को लॉकडाउन का पालन करते हुए भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने समस्तीपुर जिला (Samastipur district) के हद में ताजपुर प्रखंड के बाजार क्षेत्र स्थित कॉलेज रोड कस्बे आहर में एकदिनी घरेलू प्रदर्शन किया। इस अवसर पर भाकपा माले कार्यकर्ता अपने-अपने हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखी तख्तियां लेकर मौके पर सरकार विरोधी नारे लगाकर प्रदर्शन कर रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शाहपुर बधौनी के पैक्स अध्यक्ष सह माले जिला कमिटी सदस्य आशिफ होदा ने की। कार्यक्रम का संचालन पंचायत समिति सदस्य नौशाद तौहीदी ने किया। कार्यक्रम में पंचायत समिति सदस्य गौतम कुमार राय (भेरोखरा), अहमद हुसैन (पंसस भेरोखरा), शफी अहमद (पंसस रहिमाबाद), एकलव्य कुमार (पंसस कस्बे आहर) के अलावे चांद बाबु, मो हुसैन, सादाब आलम, तौकीरूल होदा, अरशद कमाल बबलू आदि ने भाग लिया।
वहीं दूसरी ओर पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार छिनने के खिलाफ ताजपुर के मोतीपुर वार्ड-12 में किसान नेता ब्रहमदेव प्रसाद सिंह के नेतृत्व में धरना दिया गया। धरना में माले के बासुदेव राय, शंकर सिंह, राजदेव प्रसाद सिंह आदि ने भाग लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शन किया। इस अवसर पर पंचायतों को भंग कर नौकरशाही को बढ़ावा देने के खिलाफ ताजपुर बाजार क्षेत्र के नीम चौक पर माले प्रखंड कमिटी सदस्य प्रभात रंजन गुप्ता के नेतृत्व में धरना- प्रदर्शन किया गया। मौके पर पाले खान, अरूण कुमार गुप्ता आदि ने भाग लिया।
इस संबंध में पैक्स अध्यक्ष सह माले जिला कमिटी सदस्य आशिफ होदा ने कहा कि पंचायतों का अधिकार छिनकर नौकरशाह को दिये जाने से पंचायती राज का लोकतांत्रिक प्रक्रिया बाधित होगा। कोरोना काल में जनप्रतिनिधियों की बेहतर भूमिका देखी जा रही है। ऐसे में नीतीश सरकार को पंचायत का कार्यकाल 6 महीने बढाकर पंचायती राज को मजबूत बनाये रखना चाहिए। किसान नेता ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने कहा कि पंचायत को भंग करने का सरकार का फैसला तानाशाही भरा कदम है। इसे वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा।
इस आशय का प्रेस विज्ञप्ति जारी कर माले नेता सह खेग्रामस ताजपुर प्रखंड अध्यक्ष प्रभात रंजन गुप्ता ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों का अधिकार छिनने की नीतीश जी की तानाशाही भरा कदम के खिलाफ जनप्रतिनिधियों में उबाल है। दर्जनों पंचायत प्रतिनिधि माले के कार्यक्रम में भाग लिये। प्रखंड में कई जगह पंचायत प्रतिनिधियों ने माले के कार्यक्रम के समर्थन में स्वतंत्र रूप से अपने-अपने घरों में धरना- प्रदर्शन कर सरकार से मांग पूरा करने की अपील की है।

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