अर्ध लाकडाउन लगते ही बाहरी व्यापारी का आना हुआ बंद

बाजारों में सब्जी का भाव औंधे मुंह गिरा

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। पहले नोटबंदी, फिर कोरोना, फिर वर्षा से खेतों में जल जमाव से परेशान किसानों द्वारा गीले खेत को जोत-बोकर अपनी बिगड़ी तकदीर संवारने की कोशिश कामयाब होने से पहले ही दगा दे दिया।

जब सरकार द्वारा घोषित अर्ध लॉकडाउन से बाहरी व्यापारी के मोतीपुर मंडी नहीं आने से अचानक सब्जी का भाव औंधे मुंह गिर गया। ऐसे में कुछ किसानों के सब्जी बिके और कुछ किसानों के सब्जी पड़े ही रह गये।

इसे लेकर 6 जनवरी को समस्तीपुर जिले (Samastipur district) के चर्चित मोतीपुर सब्जी मंडी में फूलगोभी-7-8 रुपये, बैंगन गुलाबी-5 रुपये, बैंगन हरा-8 रुपये, बैंगन भाटा-12 रुपए, बन्धा गोभी-7 रुपये, टमाटर-12 से 22 रुपये, पालक-8 से 10 रुपये, करैला-45 रुपये, कुसुम-15 रुपये, बथुआ साग-12 रुपये, हरा मटर-25 रुपये, धनियां पत्ती-32 रुपये, आदि।

कच्चा पपिता-15 से 20 रुपये, सिमला मिर्च-60 रुपये, आलू-12 रुपये, प्याज-22 रुपये, कद्दू-15 रुपये, कदीमा-22 रुपये, बरबट्टी-15 रुपये, विन्श-25 रुपये, कवछूआ-8 रुपये, ओल-12 रुपये, हरी मिर्च-32 से 35 रुपये, सिम-10 रुपये, सग्गा प्याज-12 रुपये, बैंगन उजला-10 रुपये, मुठिया केला- 15 रुपये की कम कीमत पर कुछ सब्जी बिके बाकी खरीददार के अभाव में पड़े रह गये।

इस बावत किसान महासभा के नेता ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने कहा कि नोटबंदी से शुरू हुई किसानों की बर्बादी की कहानी रूकने का नाम ही नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद कोरोना फिर वर्षा के पानी में लगातार 5 महिने खेतों का डूबा रहने से किसानों की स्थिति खस्ताहाल रहा।

जब किसानों ने गीले खेतों को किसी तरह जोत- बोकर अपनी बेपटरी जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश की, तब सरकार द्वारा लगाया गया अर्ध लाकडाउन ने किसानों के कोशिशों पर पानी फेर दिया। एक तो भीषण ठंढ़ और दूसरा अर्ध लाकडाउन से बाहरी व्यापारी के सब्जी मंडी में नहीं आने के कारण 6 जनवरी को किसानों की सब्जी की कीमत अचानक आधी हो गई। इससे किसान परेशान रहे।

भाकपा माले (Bhakpa male)  ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह (Secretary Surendra Prasad Singh) ने कहा कि अगर सब्जी की कीमत में सुधार नहीं होता है तो पहले से केसीसी लोन, महाजनी कर्ज, दुकान से उधार, खाद- बीज लेकर फसल लगाने वाले किसानों की परेशानी और भी बढ़ेंगी. इससे निजात दिलाने के लिए सरकार को किसानों के हित में केसीसी लोन माफ करने, नि:शुल्क खाद- बीज- बिजली- पानी- कृषि यंत्र देकर किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

 

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