गंगदा पंचायत में आठ साल से पेयजल के लिए हाहाकार

ग्रामीणों द्वारा 17 जून से की जाएगी एनएच-33 अनिश्चितकालीन जाम-राजू सांडिल

सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में सारंडा विकास समिति, जामकुंडिया-दुईया ने झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय को कड़ा पत्र लिखते हुए आसान जलापूर्ति योजना में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

समिति का कहना है कि योजना शुरू होने के आठ साल बाद भी गंगदा पंचायत के अधिकांश गांवों तक पानी नहीं पहुंच पाया है। इससे नाराज पंचायत के सभी 14 गांवों के ग्रामीणों ने आगामी 17 जून से सलाई चौक एनएच-33 को अनिश्चितकाल के लिए जाम करने की घोषणा की है।

समिति के अध्यक्ष सह गंगदा पंचायत के मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल ने बताया कि वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना और आसन्न जलापूर्ति योजना के तहत गंगदा पंचायत के 14 गांवों के सभी घरों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति हेतु पाइपलाइन और नल कनेक्शन देने का वादा किया गया था। मगर आठ साल बाद भी केवल चार गांवों के कुछ घरों में ही आंशिक रूप से जलापूर्ति हो रही है, शेष 10 गांवों में न तो पाइपलाइन बिछी है और न ही जल कनेक्शन मिला है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पंचायत में न तो चपाकल, न डीप बोरिंग और न ही सोलर जलमीनार की व्यवस्था की गई है। गर्मी के मौसम में हालात और बदतर हो जाते हैं, जब रहिवासियों को पीने के पानी के लिए मीलों दूर जाना पड़ता है।

मुखिया राजू सांडिल ने बताया कि 14 मार्च 2022 को सलाई चौक पर हुए एक विरोध प्रदर्शन के दौरान मनोहरपुर-चक्रधरपुर डिवीजन के कार्यपालक अभियंता से बातचीत हुई थी। अभियंता ने दो चरणों में पाइपलाइन कार्य पूरा करने का वादा किया था, लेकिन तीन साल बीतने के बावजूद कार्य अधूरा है। उन्होंने बताया कि विभागीय अभियंता द्वारा साझा किया गया फोन नंबर भी कॉल रिसीव नहीं किया जाता। इससे ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है।

समिति का आरोप है कि दोदारी पेयजल आपूर्ति योजना की अनुमानित लागत लगभग 15 करोड़ रुपये थी। परंतु योजना आज भी अधूरी है। ग्रामीणों को जानकारी मिली है कि विभागीय अधिकारियों और संवेदक की मिलीभगत से योजना की पूरी राशि की निकासी कर ली गई, जिसमें बड़े पैमाने पर बंदरबांट और भ्रष्टाचार किया गया है। सारंडा विकास समिति और गंगदा पंचायत के तमाम ग्रामीणों ने मामले की सरकार से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।

उन्होंने स्पष्ट किया है कि मामले की सीबीआई, हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश या स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि आगामी 17 जून तक पेयजल समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे एनएच-33 स्थित सलाई चौक को अनिश्चितकाल के लिए बंद करेंगे। इस जाम की पूरी जिम्मेदारी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मनोहरपुर-चक्रधरपुर और ठेकेदार की होगी।

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