महानिरीक्षक मनेश कुमार मीणा मुख्य अतिथि के तौर पर रहे उपस्थित
संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष बाद भी लिंग, जाति और धार्मिक भेदभाव किसी न किसी रूप में आज भी समाज में बरकरार है।
उन्हीं भेदभावों को दूर करने की दिशा में सरकार (Government) ने ट्रांसजेंडर्स के लिए भी कुछ अधिनियम और नियम बनाए हैं। ताकि जेलों के अंदर संसीमित महिला बंदियों की तरह ही इनकी भी देखभाल हो। बाहर निकलने के बाद उसका लाभ ट्रांसजेंडर्स को मिल सके।
उक्त बातें महानिरीक्षक कारा एवं सुधार सेवाएं मणेश कुमार मीणा ने कही। मालूम हो कि वैशाली जिला (Vaishali district) मुख्यालय हाजीपुर में स्थित बिहार सुधारात्मक प्रशिक्षण संस्थान (बिका) में बीते 20 अप्रैल को एक खास विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया था। जिसमें 274 कारा और प्रोबेशन पदाधिकारियों ने भाग लिया। जहां बतौर मुख्य अतिथि आईजी कारा भी मौजूद रहे।
उद्घघाटन सत्र की शुरुआत में संस्थान के निदेशक नीरज कुमार झा ने मुख्य अतिथि के प्रति आभार जताया। प्रोबेशन पदाधिकारी अंकिता कुमारी ने मुख्य अतिथि सह महानिरीक्षक को बुके प्रदान कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। वहीं संस्थान की विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) जया लक्ष्मी शिवम ने एक दिवसीय उक्त प्रशिक्षण के अंतर्निहित बातों की जानकारी मौजूद पदाधिकारियों को दी।
ज्ञात हो कि, बिका ने कोई पहली बार इस तरह का आयोजन नही किया था। इसके पूर्व भी कई ऐसे प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन उक्त संस्थान द्वारा किया जा चुका है। कई वर्ष पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी संस्थान में आकर कारा सुधार से जुड़े खास कार्यक्रम को संबोधित कर चुके थे।
जानकारी के अनुसार बीते 20 अप्रैल को आयोजित कार्यक्रम का विषय – सेंसटाईजेशन/कैपिसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम ऑन ट्रांसजेंडर्स प्रिजनर्स था। इस अवसर पर मंच संचालन ओएसडी जया लक्ष्मी शिवम ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अभय कुमार सिंह उपनिदेशक बिका संस्थान ने किया।
इस अवसर पर अमित कुमार सहायक निदेशक अभियोजन कोषांग, अमित कुमार दास आई टी प्रबंधक, वीणा कुमारी सहायक अधीक्षक, राघवेंद्र प्रताप सहायक अधीक्षक के अलावा सभी प्रशिक्षु सहायक अधीक्षक, सभी प्रशिक्षु महिला कक्षपाल आदि उपस्थित थे।
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