ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। नालसा, झालसा तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो प्रदीप कुमार श्रीवास्तव (Bokaro Pradeep Kumar Srivastava) के निर्देश पर 2 नवंबर को आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम अंतर्गत कसमार प्रखंड में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कसमार प्रखंड के मंजुरा पंचायत भवन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव लकी सोरेन तिग्गा ने लोगों को संविधान द्वारा उनको प्रदत्त कानूनी सहायता, उनको पाने के तरीके, मूल अधिकारों सहित अन्य अधिकार, कर्तव्य, नालसा एवं झालसा द्वारा उनकी सहायता हेतु प्रायोजित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई।
साथ ही शिक्षा का अधिकार, डायन प्रथा और बाल विवाह की भी जानकारियां दी। डायन प्रथा के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि किसी को भी डायन कहना कानूनन अपराध है। डायन कह कर प्रताड़ित करने वालों को जेल जाना पड़ सकता है।
बाल विवाह के बारे में जानकारियां देते हुए बताया की बाल विवाह भी कानूनी अपराध है। इसलिए जब तक बालिग ना हो जाए उनका विवाह नहीं कराना चाहिए। शिक्षा का अधिकार देते हुए बताया कि हम सभी को शिक्षा का अधिकार है। गांव गांव तक लोगों को शिक्षा देने के लिए स्कूल खोले गए हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हर किसी को शिक्षा के लिए प्रेरित करें और स्कूल भेजें।
वहीं पैनल अधिवक्ता एवं पारा लीगल वालंटियर द्वारा मोबाइल वैन के साथ घर-घर घूम कर नागरिकों को विधिक जानकारी दी गई। मौके पर ग्रामीणों के बीच पर्चा का वितरण किया गया। उक्त जानकारी अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह व्यवहार न्यायालय तेनुघाट के एसडीजेएम दीपक कुमार साहू ने दी।
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