अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में सोनपुर के गंगा एवं गंडक नदियों के संगम क्षेत्र में स्थित बाबा हरिहरनाथ मंदिर में 24 नवंबर की सुबह तुलसी शालिग्राम विवाह कार्यक्रम संपन्न किया गया। इस दौरान उपस्थित महिला भक्तों की टोली ने मांगलिक गीत गाए और देवी तुलसी तथा भगवान श्रीहरि विष्णु पर पुष्पांजलि की। देवी तुलसी एवं भगवान श्रीविष्णु की जय से सम्पूर्ण मंदिर परिसर गूंज उठा।
जानकारी के अनुसार हरिहरनाथ मंदिर न्यास समिति के तत्वावधान में मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सुशील चंद्र शास्त्री के नेतृत्व में वर्ष 2007 में तुलसी शालिग्राम विवाह का शुभारंभ किया गया था। दिवंगत मद्रासी बाबा के बाद न्यास समिति और मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सुशील चंद्र शास्त्री इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
तुलसी विवाह के अवसर पर न्यास समिति के सचिव विजय कुमार सिंह लल्ला, कोषाध्यक्ष निर्भय कुमार, मुख्य यजमान एसडीओ रोड हाजीपुर निवासी मनीष कुमार, मिथिलेश कुमार सिन्हा, कमलदेव पांडेय, हाजीपुर के पंडित रवि तिवारी, इंद्रभूषण सिंह पहाड़ी चक, पवन शास्त्री सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्त सपरिवार उपस्थित होकर इस तुलसी विवाह महोत्सव में अपनी सहभागिता दर्ज कराई।
इस अवसर पर तुलसी विवाह को देखने के लिए बिहार की राजधानी पटना सहित वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर, सोनपुर आदि जगहों से बड़ी संख्या में श्रद्धालूगण उपस्थित हुए। उपस्थित भक्त महिलाओं ने देवी तुलसी और भगवान शालिग्राम को नमन किया और तुलसी वृक्ष को फूल माला, सिंदूर, चूड़ी, बिंदी आदि से श्रृंगार करते हुए सभी व्रतधारियों ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना किया।
इस अवसर पर बाबा हरिहरनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सुशील चंद्र शास्त्री ने बताया कि इस दिन तुलसी पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा तो मिलती ही है, साथ ही मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। कहा कि कार्तिक के महीने में प्रतिदिन तुलसी पर दीपक जलाना चाहिए।
अगर पूरे महीने तुलसी की सेवा और दीपक नहीं जला सकते, तो एकादशी से पूर्णिमा तक दीपक जलाकर मां तुलसी को प्रसन्न करना चाहिए। तुलसी विवाह के बाद हरिहर नाथ मंदिर में भंडारा का भी कार्यक्रम किया गया। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भंडारा ग्रहण किया।
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