ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। झालसा रांची के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो के मार्गदर्शन में 17 दिसंबर को तेनुघाट जेल में बंदियों के बीच जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस जेल अदालत सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम के लिए एक बेंच का गठन किया गया था, जिसमें प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रूपम स्मृति टोपनो और पैनल अधिवक्ता नरेश चंद्र ठाकुर उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रूपम स्मृति टोपनो ने बंदियों को कानून की जानकारी देते हुए बताया कि अगर आपके खिलाफ थाना में मामला दर्ज किया जाता है और आपको थाना से 41(अ) का नोटिस जारी किया जाता है तो आप थाना में जाकर अपनी बात रख सकते हैं।
ताकि आपकी बातों को सुनकर मामले की जांच पड़ताल की जा सके। उन्होंने बंदियों को जेल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। बताया कि वैसे बंदी जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्देश पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की जाती है, जो उन बंदियों के केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं।
अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने मंच संचालन करते हुए बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बटाते हुए कहा कि नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची के द्वारा बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं।
जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है। बंदियों को पैनल अधिवक्ता नरेश चंद्र ठाकुर ने भी कानूनी जानकारी दी।
स्वागत भाषण जेल अधीक्षक अनुराभ और धन्यवाद ज्ञापन जेलर नीरज कुमार ने किया। मौके पर विजय कुमार एवं जेल कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही। उक्त जानकारी अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल ने दी।
84 total views, 1 views today