अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में सोनपुर प्रखंड के सबलपुर स्थित संकट मोचन मन्दिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पंचम दिन 7 मार्च को कथा वाचक जगद्गुरु रामानुजाचार्य रंगनाथाचार्य जी महाराज ने कहा कि अपने ही देश में सनातन का विरोध किया जा रहा है और विदेशों में इस पर शोध किया जा रहा है। विदेशो में सनातन को अपनाया जा रहा है।
जगद्गुरु रंगनाथाचार्य जी ने कहा कि हम अपने बच्चों को संस्कृत श्लोक पढ़ाना नही चाहते। अन्य अपने बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा में अपने धर्मों के विषय में पढ़ाते हैं। वैसी आचरण कराते हैं। हम मिशनरी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजकर गौरान्वित होते हैं, जो हमारे बच्चों को तिलक लगाने, कलावा पहनने से रोकते हैं। धीरे-धीरे धर्माविमुख कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि अपने धर्म ग्रंथों का स्वध्याय कीजिए, नही तो श्रवण कीजिये। धर्माचरण यौवनावस्था में करना चाहिए। बाल, वृद्ध और रोगी को धर्मानुष्ठान परिस्थिति अनुसार करने की आजादी है। कहा कि भारत में व्यक्ति अपने सत्कर्मों को करते हुए वैभव को प्राप्त करते हैं।
आज की कथा में मुख्य रूप से सोनपुर के पूर्व विधायक विनय कुमार सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह विभाग संघ चालक शम्भुनाथ सिंह, गुरुकुलम के आचार्य रौशन पांडेय, प्रसिद्ध कथावाचिका साध्वी लक्ष्मी माता, साध्वी मीरा दास, अर्चना राय भट्ट, धर्म जागरण समन्वय के क्षेत्र प्रमुख सूबेदार सिंह, सन्त रविदास, मन्दिर समिति के अध्यक्ष बिनोद सम्राट, कथा सह संयोजक डॉ आशुतोष कुमार, स्थानीय मुखिया पति दयाशंकर राय, डॉ त्रिभुवन झा, नरेषु सिंह, उमेश राय, यशवंत कुमार, अभिषेक श्रीवास्तव, संजीत कुमार आदि उपस्थित थे।
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