सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। डीएवी झारखंड जोन ए जमशेदपुर संभाग के क्षेत्रीय सहायक रीजनल ऑफिसर (एआरओ) ओपी मिश्रा ने साक्षात्कार में बताया कि क्षमता संवर्धन कार्यशाला शिक्षकों के शिक्षा के क्षेत्र में डीएवी ज्ञान रुपी सुगंध बिखेर रही है।
एआरओ मिश्रा ने कहा कि भारत के प्राचीन परंपरा एवं संस्कृति को जीवंत रखने के लिए डीएवी संस्था लगातार अग्रसर है। उन्होंने डीएवी संस्था से अध्ययन कर राष्ट्र को सुशोभित करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी, कपिल देव, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंद्रकुमार गुजराल, आदि।
शहीदे आजम सरदार भगत सिंह, ऐस्ट्रोनोट कल्पना चावला, क्रिकेटर युवराज सिंह, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जैसे महान विभुति को दयानंद एंग्लो वैदिक संस्था का धरोहर बताया। मिश्रा ने कहा कि डीएवी संस्था राष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान रूपी आभूषण से बच्चों को अलंकृत कर रही है।संस्था के बढ़ते चरण एवं बच्चों के विकास को देख स्वाभाविक रूप से कहा जा सकता है कि शिक्षा के क्षेत्र में डीएवी संस्था की ज्ञान रूपी मशाल पूरे देश मे जल रही है।
साक्षात्कार में क्षेत्रीय सहायक रीजनल ऑफिसर ओपी मिश्रा ने बताया कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चों में अच्छा संस्कार देना, उन्हें मानव बनाना है। स्कूल का माहौल ऐसा होना चाहिए कि बच्चों के कंपन में शिक्षा दिखाई पड़े। कहा कि स्कूल शिक्षा का वह केंद्र है जो मंदिर और मस्जिद से भी ज्यादा पवित्र है। मिश्रा ने बताया कि जो शिक्षा स्कूल में मिलती है, वह मंदिर और मस्जिद में भी नहीं मिल सकती है।
स्कूल मंदिर और मस्जिद से भी ज्यादा पवित्र स्थान होता है, जहां ईश्वर की सबसे अनमोल कृति नन्हे- नन्हे बच्चों का भविष्य निर्माण किया जाता है। उन्होंने कहा कि डीएवी संस्था का मूल उद्देश्य समाज के सिद्धांतों पर चलना और सही मायने में एक आर्य भारत बनाना है। स्कूल का माहौल ऐसा होना चाहिए कि बच्चों के कंपन में शिक्षा दिखाई पड़े। सच्चाई यह है कि स्कूल शिक्षा का वह केंद्र है जो मंदिर और मस्जिद से भी ज्यादा पवित्र है।
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