ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। स्वयंसेवी संस्था रूपायणी की 29वीं स्थापना दिवस के अवसर पर 14 मार्च को महिला हिंसा, जेंडर भेदभाव, बाल-विवाह, महिला मानवाधिकार एवं विकलांग महिला, आदि।
यौन कर्मी, ट्रांसजेंडर एवं एलजीवीटीस पर हो रहें हिंसा के खिलाफ जागरूकता, जनपैरवी एवं जनपहल की आवश्यकता पर एक दिवसीय परिचर्चा गोष्ठी का आयोजन तेनुघाट प्रेस कल्ब में की गई। रूपायणी एवं इब्तिदा नेटवर्क झारखण्ड द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन वॉलेंटियर अमृतांजली ने की।
कार्यक्रम में गोमियां विधायक प्रतिनिधि सह समाजसेवी कौशल्या देवी ने किशोरियों को शिक्षा, कानून और मानवधिकार के मुद्दे पर खूद के साथ -साथ समाज को सभी तरह के कुप्रथा पुरुष सत्तात्मक ढाँचागत व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष तेज करने एवं सोच में बदलाव के लिए जागरूक करने का आहवान किया। उन्होंने स्त्री शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देने की बात कही।
अधिवक्ता पुष्पा हंस, अधिवक्ता मुनमून कुमारी, आंगनबाड़ी कल्सटर को-ऑडिनेटर कंचन सहाय, पंचायत साधनसेवी आशा नारायण आदि ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए महिला किशोरियों के लिए बनाई गई कानूनी जानकारी के साथ-साथ शिक्षा, आदि।
स्वास्थ्य एवं स्वशक्तिकरण के आवश्यकता पर जोर देने की बात कहीं। कार्यक्रम की शुरुआत संस्था सचिव डॉ सी ए कुमार ने रूपायणी की 29वीं स्थापना दिवस एवं अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस महत्व पर प्रकाश डालते हुए किया। इब्तिदा नेटवर्क पाटर्नर एवं स्वयं सेवी अमृतांजली ने कार्यक्रम संचालन एवं धन्यावाद ज्ञापन करते हुए कहा कि आज की किशोरी ही भविष्य की महिला है।
इसलिए उन्हें सभी प्रकार मनगढ़त एवं पुरुष प्रधान सामाज के शिकंजे से मुक्त होकर लैंगिक समानता, हिंसामुक्त समाज एवं चयन का अधिकार आधारित समाज के लिए एकजुट होकर आगे आना होगा।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में रूपायणी के नेहा कुमारी, दीपाशा गुल, काजल कुमारी, सीमा कुमारी, पी मरांडी, खुशबु कुमारी, लिना देवी, उर्मिला देवी आदि का सहयोग सराहनीय रहा।
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