एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। मकस कहानिका हिन्दी पत्रिका के अंतरराष्ट्रीय अध्याय द्वारा गूगल मीट पर बीते दिनों ऑनलाइन कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। अध्यक्षता जय कृष्ण मिश्र ने किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ नितिन उपाध्याय ने मां शारदे का छायाचित्र प्रतिस्थापित कर छायाचित्र पर माल्यार्पण कर मकस कहानिका हिंदी पत्रिका के प्रधान संपादक ने दीप प्रज्वलित किया। तत्पश्चात कविता राय ने सरस्वती मां की वंदना गाकर कार्यक्रम का आरंभ किया। सरस्वती वंदना के पश्चात गोपाल सिंह दंडोतिया ने गणेश स्तुति प्रस्तुत की। श्याम कुँवर भारती द्वारा कर्ण प्रिय देवी गीत की प्रस्तुति की गयी।
ऑनलाइन कवि सम्मेलन में रेखा कापसे ने अपनी मधुर वाणी में स्वागत गीत गाकर मुख्य अतिथि डॉ उपाध्याय, विशिष्ट अतिथि मीरा ठाकुर (अबू धाबी) एवं जय कृष्ण मिश्र सभा अध्यक्ष का स्वागत किया।
जय कृष्ण मिश्र ने अध्यक्षीय भाषण प्रस्तुत करते हुए सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कहा कि दुबई में भारतीय दूतावास द्वारा कवि सम्मेलन कराए जाने पर विचार हो रहा है। यदि संभव हुआ तो वे मकस कहानिका के कुछ सदस्यों को वहां बुलवाएंगे।
जानकारी देते हुए श्याम कुंवर भारती ने बताया कि मकस कहानिका कई पहलुओं पर काम कर रही है। हमारी वेबसाइट बन चुकी है। कई किताबें पब्लिश होने वाली है। लोगों को साहित्यिक विधाएं सिखाने के लिए वर्क शॉप शुरू होगा। इसके अलावे भी बहुत सारे साहित्यिक कार्य मकस कहानिका करने वाली है।
साथ ही दिसंबर माह में अयोध्या, अगले साल जनवरी में इंदौर एमपी और फरवरी में चित्रकूट में कवि सम्मेलन करने जा रही है। जिसमें कई साहित्यिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। उपस्थित सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार राशि और सम्मान पत्र प्रदान किया जाएगा।
पत्रिका का लघु कथा सांझा संकलन के कहानी सांझा संकलन प्रकाशित किया जाएगा। भारती ने संचालन समिति के सभी राज्य प्रभारी और उप संपादक से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक कहानियां अपने अपने राज्य के साहित्यकारों से लेकर भेजे।
किसी नवोदित कलमकार और विशिष्ठ साहित्यकार की पांडुलिपि पुस्तक के रूप में निःशुल्क प्रकाशन हेतु भी भारती ने अपने पदाधिकारियों के माध्यम से भेजने का अनुरोध किया।
मंच संचालन कविता राय एवं विभा तिवारी ने कर कार्यक्रम में शमां बांध कर रखा। करीब 25 से अधिक कवियों एवं कवयित्रियों ने जम कर काव्य रंग बिखेरे। जिसमें मुख्य रूप से सुधीर श्रीवास्तव, रामनिवास तिवारी, आशुकवि ओमप्रकाश श्रीवास्तव, मीना अग्रवाल, संतोष तोषनीवाल, श्याम कुँवर भारती, कविता राय, उमेश नाग, अन्नपूर्णा मालवीया “सुभाषिनी”, हरजीत सिंह, जयप्रकाश अग्रवाल, आदि।
भीम सिंह, नीलम झा, जुगेश चंद्र दास, खालिद हुसैन, शिवा सिंघल आदि ने अपनी अपनी काव्य प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम के अंत में संतोष श्रीवस्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम देर रात तक चला।
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