समुद्र में इमरजेंसी लैंडिंग, नेवी ने 5 को बचाया
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओ एन जी सी) के हेलिकॉप्टर की मंगलवार को तकनीकी खराबी के चलते अरब सागर में इमरजेंसी लैंडिंग (Emergency Landing) करानी पड़ी।
पवन हंस कंपनी के इस हेलिकॉप्टर (Helicopter) में दो पायलट समेत 9 लोग सवार थे। हादसे में 5 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि 4 लोगों की मौत हो गई। हादसा मुंबई के तट से 50 समुद्री मील दूर अरब सागर में हुआ।
फ्लोटर्स के सहारे कुछ वक्त तैरता रहा हेलिकॉप्टर समुद्र में इमरजेंसी लैंडिंग के बाद हेलिकॉप्टर में लगे फ्लोटर्स की मदद से कुछ समय तक डूबने से बचा रहा। हेलिकॉप्टर के डूबने से पहले ही नेवी के हेलिकॉप्टर ने सभी 9 लोगों को बाहर निकाल लिया। रेस्क्यू किए गए 9 लोगों में से 4 बेहोश थे। उन्हें इलाज के लिए मुंबई के एक अस्पताल में भेजा गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
हादसों के लिए बदनाम हैं पवनहंस के हेलिकॉप्टर
पवनहंस हेलिकॉप्टर्स का सेफ्टी रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। ओएनजीसी के ऑफशोर में पवनहंस कंपनी के हेलिकॉप्टर्स लगभग साढ़े तीन दशक से सर्विस दे रहे पवनहंस के हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं के चलते बदनाम रहे हैं। लंबे समय से इसके चॉपर्स में इंजन की समस्या, ऑयल लीकेज और सेंसर (Oil leakage and Sensor) की दिक्कतें जुड़ी हुई हैं।
इस कंपनी के हेलिकॉप्टर्स से जुड़ी अब तक कुल 20 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 91 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इन लोगों में 60 यात्रियों के अलावा 27 पायलट और 4 क्रू मेंबर शामिल हैं। पवनहंस कंपनी हेलिकॉप्टर से धार्मिक स्थानों पर लोगों को लाने-ले जाने की सर्विस भी देती है।
पवनहंस हेलिकॉप्टर से जुड़े इन हादसों में कोई नहीं बचा
2010 से लेकर 2012 के बीच 12 हेलिकॉप्टर हादसे हुए जिसमें से 10 पवनहंस हेलिकॉप्टर के थे। इन हादसों में 55 लोगों की जान गई थी। जुलाई 1988 में पहली बार पवनहंस हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ था। जम्मू कश्मीर के वैष्णो देवी में हुए उस हादसे में दो पायलट समेत 7 लोगों की मौत हो गई थी।
साल 2011 में पवन हंस के हेलिकॉप्टरों के हादसों में सबसे ज्यादा 31 लोगों की मौत हुई थी। इसमें अरुणाचल प्रदेश के तत्कालीन CM दोरजी खांडू की दर्दनाक मौत भी शामिल है। 30 अप्रैल 2011 को खांडू 4 सीटों और एक इंजन वाले पवनहंस के AS-B350-B3 हेलिकॉप्टर में सवार थे।
हेलिकॉप्टर के क्रैश होने पर खांडू सहित 5 लोग इस दुर्घटना का शिकार हुए थे। 13 जनवरी 2018 को भी पवनहंस हेलिकॉप्टर मुंबई के जुहू हवाईअड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद लापता हो गया था। हेलिकॉप्टर में ONGC के अधिकारियों समेत पांच लोग सवार थे। इस हादसे में भी सभी लोगों की मौत हो गई थी।
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