बिना रैयतों की सहमति के ओएनजीसी ने बनाया सड़क

विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में गोमियां प्रखंड में ओएनजीसी (ONGC) अधीनस्थ चलने वाली भारी वाहनों की मनमानी इन दिनों चरम पर है। विभागीय शह पर बिना रैयतों की सहमति के ही उनके कृषि योग्य जमीन पर सड़क बना दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है।

जानकारी के अनुसार देश में प्राकृतिक गैस निकालने वाली ओएनजीसी अधीनस्थ कार्य कर रही चलने वाली भारी वाहन अपनी मनमानी कर रहे हैं।

बीते 13 दिसंबर को होसिर के नैनाटांड स्थित रैयतों की जमीन पर बिना रैयतों की सहमति लिए जेसीबी चलाकर कच्चा सड़क बनाकर खाता संख्या 232 प्लॉट नंबर 1846 एवं 1853 के 38 डिसमिल जमीन पर भारी ट्रांसपोर्ट (Transport) वाहनों को चलाने का काम कर रही है।

इस पर रैयतो ने पुरजोर विरोध किया। बताया जाता है कि बीते 14 दिसंबर को उक्त कंपनी की गाड़ियां गोमियां हाई स्कूल के समीप सिंगली टोला में अहले सुबह गाड़ी निकालने का काम कर रहे थे। उसी दौरान वाहन की चपेट में आकर स्थानीय रहिवासी दिलिप यादव के निजी मकान क्षतिग्रस्त हो गया।

इसे लेकर मकान मालिक ने गाड़ियों के काफिले को रोक दिया और अधिकारियों को बुलाने की बात कही। घंटो बाद कम्पनी के मुख्य अभियन्ता दीपक कुमार आये और पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मामले में वह कुछ नहीं कर सकते। उपर के अधिकारियों से बात करने पर ही कुछ कहेंगे।

विधायक प्रतिनिधि आजसू पार्टी (Ajsu Party) के संदीप स्वर्णकार ने कंपनी के अधिकारी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कंपनी जितने भी कार्य कर रही है उससे किसी को कोई एतराज नहीं, लेकिन कंपनी द्वारा की जा रही नुकसान को क्षतिपूर्ति करना उनका ही कार्य है।

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